नई दिल्‍ली : आम आदमी पार्टी में जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके समर्थकों पर गंभीर सवाल उठाए। इन दोनों ने नेताओं ने केजरीवाल पर तानाशाही के आरोप लगाए और कहा कि वे अपने किसी विरोधी को पाटी में नहीं देखना चाहते हैं।

आप नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि पिछले एक महीने के घटनाक्रम से हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं की उम्मीदे धुमिल हुई हैं। पार्टी संयोजक का पद कोई मुद्दा नहीं है। आम आदमी पार्टी आंदोलन से पैदा हुई है। आप साधारण पार्टियों जैसी पार्टी नहीं है। यह पार्टी जनता को सत्‍ता सौंपने के लिए बनी है। योगेंद्र ने कहा कि पिछले एक महीने की घटना से बहुत कुछ टूटा है। हमारे मुद्दे व्‍यक्तिगत नहीं हैं। हमने पांच मुद्दे उठाए थे। मूल मुद्दा पार्टी के भीतर स्‍वराज का है। आप में आंतरिक लोकतंत्र पर चर्चा हो रही है। हम बस आरोपों की जांच चाहते हैं और मर्यादा उल्‍लंघन की जांच पार्टी लोकपाल करे। उन्‍होंने कहा कि हमने आप राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के रिक्‍त पदों को भरने की मांग की। हमने पारदर्शिता की मांग पार्टी के लिए की है। योगेंद्र ने कहा कि हमारी चिट्ठी को इस्‍तीफा मान लिया गया। हमने शर्तें मान लेने पर इस्‍तीफे की बात कही थी। हमने राज्‍यों की स्‍वायत्‍ता के सवाल उठाए। राज्‍य ईकाइयों को भी अधिकार मिले। राष्‍ट्रीय संयोजक का पद मुद्दा है ही नहीं। उन्‍होंने यह आरोप भी लगाया कि केजरीवाल कांग्रेस के साथ सरकार चाहते थे। केजरीवाल को पार्टी खत्‍म होने का डर था। केजरीवाल की नीयत सही लेकिन तरीका गलत था।

उधर, प्रशांत भूषण ने कहा कि मेलमिलाप को लेकर हुई चर्चा के दौरान हम पर इस्तीफा देने के लिए लगातार दबाव बनाया गया। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सभी पार्टी विधायकों के साथ एक क्षेत्रीय पार्टी बनाने की बात सुझाते हुए कहा कि वह हमारे साथ काम नहीं कर सकते। अगर हमारी मांगें मान ली जाती हैं तब हम कार्यकारणी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे।

प्रशांत भूषण ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए कहा कि सभी विधायक जो परिषद के सदस्य भी नहीं है उन्हें इसमें आमंत्रित सदस्य के तौर पर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि इन विधायकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने साथ 50-50 समर्थकों को लेकर भी राष्ट्रीय परिषद में पहुंचे। प्रशांत भूषण ने कहा कि मैं कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि जो राष्ट्रीय परिषद के सदस्य नहीं हैं, वे बैठक  में नहीं आएं।

पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकाले जा चुके योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने एक बार फिर दोहराया कि अरविंद केजरीवाल का राष्ट्रीय संयोजक रहना उनके लिए मुद्दा नहीं है। दोनों ने कहा कि वे कोई भी मुद्दा उठाते हैं तो उसे केजरीवाल के साथ जोड़ दिया जाता है और कहा जाता है कि आप दोनों राष्ट्रीय कार्याकरिणी से इस्तीफा दे दीजिए क्योंकि अरविंद किसी भी हाल में हमारे साथ काम करने को तैयार नहीं हैं। दोनों ने कहा कि कल पार्टी की तरफ से यह झूठ बोला गया कि हमने इस्तीफा दे दिया है, जबकि हमारे एक भी मांगें नहीं मानी गई हैं।

योगेंद्र यादव ने कहा कि जो भी मुद्दा उठाया जाता है, उसे अरविंद केजरीवाल से जोड़ दिया जाता है। पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा, यह मुद्दा हमारी तरफ से उठाया ही नहीं गया था। बार-बार कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय परिषद में तय होगा कि पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा। मैं उन्हें बताना चाहता हूं पार्टी संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय परिषद में संयोजक का फैसला नहीं हो सकता है, इसके लिए उचित मंच राष्ट्रीय कार्यकारिणी है। पार्टी की साइट से संविधान हटा दिया गया है, जिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है उन्हें मैं पार्टी का संविधान मैं भेंट करने के लिए तैयार हूं।