लखनऊ:  भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राज्य में पुलिस भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बताने में जुटी अखिलेश सरकार भर्ती प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवालों से क्यों बच रही है ? सवाल खड़े हो रहे है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सामान्य प्रर्दशनों में असहाय होती अखिलेश की पुलिस आखिर पुलिस भर्ती प्रक्रिया का विरोध कर रहे छात्रों नौजवानों पर अपना चेहरा छिपाते हुए क्यो प्रहार कर रही हैं ? प्रर्दशन कर रहे नौजवानों के साथ संयम का परिचय देने की जगह पुलिस मारपीट पर उतारू है। गुण्डा एक्ट और रासुका के तहत कार्यवाही की धमकी क्यों दी जा रही है। यही चेतावनियां अगर अराजक हो रहे अपराधियों को दी जाती तो शायद गौरी हत्या काण्ड जैसी विभत्सता रायबरेली में दोहराने का साहस अपराधी नहीं करते ।

उन्होंने पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्यों जब-जब सपा सरकार शासन में होती है तो भर्ती प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े होते है, इसके बारे में भी सपाई नेतृत्व विचार करे। जब भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बताया जा रहा है तो फिर क्यों प्रांरम्भिक परीक्षा, दौड़ परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में तो रोल नं0 का प्रयोग किया गया किन्तु जब अंतिम परिणाम देने को हुआ तो पंजीकरण को आधार बनाया गया। दौड़ के नम्बरों को नेट पर क्यों नहीं डाला गया, जबकि सभी परिक्षाओं के प्राप्तांक नेट पर डाले जाने थे। उन्होंने कहा कि जब वाइटनर का प्रयोग नहीं करना था तो वाईटनर लगी कापियों को क्यों जांचा गया। आरक्षण को मन मुताबिक क्यों लागू किया गया, आरक्षण सबसे बाद में था तो मेडिकल के पहले आरक्षण क्यों दे दिया गया। फिर दिया गया तो प्रत्येक बार आरक्षण क्यों नहीं दिया गया स्वाभविक है मनमर्जी से इस पूरी प्रक्रिया को अपनाया गया।

श्री पाठक ने कहा कि जिस तरह पुलिस-दरोगा भर्ती प्रक्रिया में प्रश्न खड़े हुए है उनका समाधान सरकार करे। जिस तरह से इस पूरी प्रक्रिया में हेर-फेर करते हुए एक जाति विशेष और कुछ क्षेत्र विशेष के लोग ही उपयुक्त पाये गये है स्वाभाविक रूप से यह सवाल खड़ा होता है कि आखिर क्या योग्य लोग केवल उसी जाति विशेष और उसी जनपद विशेष में पाये जाते है। पूरी भर्ती प्रक्रिया को लेकर राज्य में संशय का वातावरण है नौजवान सड़कों पर आंदोलित है और वह भर्ती प्रक्रिया को लेकर सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सांच को आंच क्या सरकार क्यों नहीं आंदोलनरत छात्रों और नौजवानों की बात स्वीकार कर पूरी भर्ती प्रक्रिया की जांच की पहल करती है।