नई दिल्ली। कांग्रेस ने भूमि अधिग्रहण बिल के मुद्दे पर मोदी सरकार को संसद के बाद सड़क पर भी घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। इसकी अगुवाई खुद सोनिया गांधी कर रही हैं। कांग्रेस जंतर-मंतर पर रैली कर चुकी है। खुद सोनिया अलग-अलग राज्यों में जाकर किसानों से मिल रही हैं और अब खबर है कि 5 अप्रैल को रामलीला मैदान में पार्टी एक बड़ी रैली करेगी जिसमें खुद सोनिया गांधी इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगी।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस 5 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान पर बड़ी रैली करेगी। इस रैली में कांग्रेस के तकरीबन सभी बड़े नेता मंच पर मौजूद रहेंगे और देशभर से उन सभी किसानों को बुलाया जाएगा जो कांग्रेस के साथ जुड़े रहे हैं। पार्टी की योजना दिल्ली से सटे राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों के अधिक से अधिक किसानों को बुलाने की है। रैली में लगभग 1 लाख किसान पहुंचेंगे।

एक वरिष्ठ कांग्रेसी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को धोखा दे रही है। कांग्रेस ऐसा हरगिज नहीं होने देगी। इसके लिए कांग्रेस ने तय किया है कि वो रामलीला मैदान से सरकार पर हमला बोलेगी। सूत्रों के मुताबिक रैली को व्यापक स्वरूप देने लिए कांग्रेस अन्य दलों से भी संपर्क कर रही है। पार्टी ने इस रैली की तैयारियां भी आरंभ कर दी हैं। तैयारियों का जिम्मा प्रदेश कांग्रेस को सौंपा गया है।

गौरतलब है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के मौजूदा प्रारूप का विरोध कर रही कांग्रेस ने संसद में इस मुद्दे पर सरकार को परेशान कर रखा है। सरकार ने नौ संशोधनों के बाद इसे लोकसभा में तो पास करा लिया लेकिन राज्यसभा का गणित और कांग्रेस के तेवर उसके लिए खतरे की घंटी बजा रहे हैं। संसद के सत्र का पहला हिस्सा खत्म होने के बाद अब कांग्रेस सड़क पर इस लड़ाई को लड़ना चाहती है और खुद सोनिया ने इस विरोध की कमान थाम रखी है।

हाल ही में कांग्रेस ने बिल के विरोध में 14 विपक्षी राजनीतिक दलों को एकजुट किया और संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च किया। इस मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का साथ मिलने के बाद पार्टी और ज्यादा आक्रामक हो गई है। पार्टी के नेताओं ने भट्टा पारसौल में गांव-गांव घूमकर पदयात्रा की, जिसका समापन पिछले दिनों जंतर मंतर पर हुआ। खुद सोनिया गांधी इस समय अलग-अलग प्रदेशों में जाकर किसानों से मिल रही हैं और अब रामलीला मैदान से हुंकार भर पार्टी इस मुद्दे को अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने का जरिया बनाना चाहती है।

दूसरी ओर कांग्रेस के इस रवैये से हैरान मोदी सरकार ने भी ऐहतियात बरतना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि सरकार लोकसभा में बिल पास कराने के लिए उसमें 9 संशोधन करने पर राजी हो गई। राज्यसभा में भी वो इसपर कोई जबरदस्ती करती नजर नहीं आना चाहती। यही वजह है कि पार्टी के तमाम सांसदों, मंत्रियों को किसान नेताओं से मिलकर उन्हें नए बिल की खूबियों से परिचित कराने को कहा गया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में खासतौर पर किसानों से मुखातिब होंगे ताकि उन्हें सरकार का पक्ष समझा सकें।