लखनऊ । “किसानों की घोर अनदेखी कर रही प्रदेश सरकार” यह आरोप लगाते हुये राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौ न ने प्रेसवार्ता में कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर राष्ट्रीय लोकदल माननीय राज्यपाल महोदय से गुहार लगा चुका है तथा सरकार को कुम्भकर्णी नींद से जगाने के लिए आगामी 31 मार्च को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्षन किया जायेगा और इस पर भी अगर सरकार न चेती तो प्रदेष व्यापी आन्दोलन करके चक्काजाम किया जायेगा। 

श्री चैहान ने कहा कि अभी पिछले वर्ष सुखे और बाढ़ जैसी आपदाओं के व्यापक नुकसान का दर्द झेल रहे किसानों के जख्म भरे नहीं थे कि पुनः प्रदेष में असामयिक बरसात और ओलावृष्टि से किसानों की खून पसीने से सींचे गयी आलू, सरसों, गेहूं, चना, मटर, अरहर सहित तमाम फसलों के साथ साथ मौसमी सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है। जिससे बेमौसम बारिष से फसल में हुई बर्बादी का सदमा लगातार किसानों की जान ले रहा है। उन्होंने कहा कि कानपुर, जालौन, ललितपुर में 4 किसानों ने आत्महत्या कर ली तो हमीरपुर और जालौन में 2 किसानों की सदमंे में मौत हो गयी। अभी चंद दिनों पहले फर्रूखाबाद, उरई एवं फतेहपुर में आकाषीय बिजली गिरने तथा मैनपुरी व आगरा में किसानों द्वारा आत्म हत्या किये जाने की घटना सामने आयी थी और कल फिर बांदा व फर्रूखाबाद में फसल बर्बादी से 2 किसानों ने फांसी लगा ली और 3 की सदमें में मौत हो गई। 

श्री चैहान ने कहा कि असामयिक बरसात और ओलावृष्टि से सूबे के 37 जिलों की 50 फीसदी से अधिक की फसलें बर्बाद हो गयी जिससे आहत किसानों की मौतो का सिलसिला थम नहीं रहा है परन्तु इस वर्ष किसान वर्ष घोषित होने के बाद भी किसानों के साथ प्रदेष सरकार द्वारा आपदा राहत कोष के नाम पर सिर्फ 200 करोड रूपये ही आवंटित किया गया जबकि सरकार भी मान चुकी है कि फसल बर्बादी से 1000 करोड़ का नुकसान हुआ है और सैफई के लिए 800 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये। इससे सरकार का किसान विरोधी होने का चरित्र सामने आया है।  

श्री चैहान ने प्रदेष सरकार से मांग करते हुये कहा कि विपरीत मौसम व कुदरत के कहर से हुये फसल की बर्बादी का आंकलन कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाय, फसल की बर्बादी से असामयिक काल के गाल में समाये किसानों के परिजनों को तत्काल मुआवजा राषि दिये जाने के साथ साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाय, प्रदेष में आयी दैवीय आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के किसानों का 6 माह का विद्युत बिल माफ किया जाय साथ ही वर्तमान फसल के कृषि ऋण का ब्याज माफ किया जाय, केन्द्र सरकार द्वारा घोषित गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रदेष सरकार द्वारा 500 रू प्रति कुन्तल बोनस दिया जाय, वर्तमान आपदा से राहत देने हेतु किसानों का पिछला व वर्तमान सत्र का गन्ना मूल्य तत्काल भुगतान कराया जाय तथा जायद की फसल हेतु बीज व खाद पर अनुदान दिया जाय।