नई दिल्ली। एक बार फिर घर वापसी के मुद्दे को हवा देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक वरिष्ठ नेता ने बयान जारी किया है। आरएसएस के अवध प्रांत संचालक प्रभु नारायण श्रीवास्तव ने कहा कि हिंदुओं के धर्मातरण के लिए ईसाई या मुसलमानों को दोष नहीं देना चाहिए क्योंकि धर्मातरण के लिए असल में छुआछूत और भेदभाव जिम्मेदार हैं। 

हाल ही नागपुर में आयोजित हुई आरएसएस की ऑल इंडिया प्रतिनिधि सभा मीटिंग में पारित किए गए प्रस्तावों के बारे में रिपोर्टर्स को श्रीवास्तव ने बताया, “हिंदू धर्म की ओर से छुआछूत और भेदभाव को दिया गया बढ़ावा ही समाज की कमजोरी बना और इससे परेशान लोगों ने धर्मातरण स्वीकार किया। इसके लिए ईसाई या मुसलमान जिम्मेदार नहीं हैं।”

जब उनसे “घर वापसी” पर लगातार खड़े हुए विवाद के बारे में पूछा गया तो श्रीवास्तव ने कहा, “लालच देकर या फुसलाकर की गई “घर वापसी” या “घर छोड़ना” दोनों ही गलत है।” यही नहीं श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि किसी पर भी इसके लिए दबाव नहीं डालना चाहिए। श्रीवास्तव ने धर्म की आजादी के अधिकार को सुरक्षित रखने की भी वकालत की। श्रीवास्तव ने सफाई देते हुए कहा कि आरएसएस ने “घर वापसी” के कार्यक्रम झुग्गी बस्तियों में चलाए थे ताकि वहां छुआछूत और भेदभाव को खत्म किया जा सके।