यरूशलम: इजरायल के चुनावों में लिकुद पार्टी के आश्चर्यजनक जीत की ओर बढ़ने के साथ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू रिकॉर्ड चौथी बार इस पद की कमान संभालते प्रतीत हो रहे हैं । इन चुनावों में प्रचार पूरी तरह से इस बात पर निर्भर रहा कि फलस्तीन को लेकर रूख में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

लगभग सभी मतों की गिनती हो जाने के साथ नेतन्याहू की पार्टी 120 सदस्यीय संसद-नेसेट में 29 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनने की ओर है । उनकी पार्टी को इजाक हेरजोंग के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी पार्टी जिओनिस्ट यूनियन से पांच सीटें अधिक मिली हैं । लिकुद पार्टी की जीत इसके प्रचार अभियान का परिणाम लगती है जिसमें इसने यहूदी देश के लिए कड़ी सुरक्षा की वकालत की थी और ईरान के परमाणु कार्यक्रम तथा फलस्तीनियों के साथ शांति प्रक्रिया में इजरायल के रूख के साथ किसी तरह का समझौता करने से इनकार किया था ।

यह आश्चर्यजनक परिणाम है क्योंकि शुक्रवार को प्रकाशित चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में जिओनिस्ट पार्टी को चार या पांच सीटों की बढ़त दिखाई गई थी । द ज्वाइंट अरब लिस्ट ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है और यह 14 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है । इसके बाद येश आतिद, कुलानू, हबायित हायेहुदी, शास, यिसराइल बेतीनू, युनाइटेड तोराह जुडइज्म और मेरेत्ज का प्रदर्शन रहा ।

नौ साल से सत्ता में काबिज 65 वर्षीय नेतन्याहू ने अपनी सत्तारूढ़ पार्टी की जीत का दावा किया और सरकार गठन के लिए संभावित गठबंधन सहयोगियों को तत्काल बातचीत के लिए आमंत्रित किया जो एक धार्मिक-राष्ट्रवादी सरकार हो सकती है । नेतन्याहू ने अपनी पार्टी की जीत स्पष्ट होने के बाद कहा, ‘इजरायल के नागरिक हमसे उम्मीद करते हैं कि देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समाज के भले के लिए हम तुरंत मिलकर एक नेतृत्व दें, जैसा कि हमने वायदा किया था, और जो मैं करूंगा ।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पहले ही उनके गठबंधन के संभावित सहयोगी दलों के नेताओं से बात कर चुके हैं जिनमें बायित येहुदी के प्रमुख नफताली बेनेट, कुलानू के मोशे कहलों, यिस्राइल बेयतेनू के प्रमुख अविगदोर लिबरमैन, शास नेता आरयेह डेरी और युनाइटेड तोराह जुडाइज्म के प्रतिनिधि याकोव लिट्जमैन और मोशे गाफनी भी शामिल हैं ।

चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में आगे चलने वाली जिओनिस्ट यूनियन के नेता हेरजोंग ने हार स्वीकार कर ली, लेकिन उन मुद्दों पर लड़ने का संकल्प लिया जिन पर पार्टी ने चुनाव लड़ा था ।

हेरजोंग ने कहा, ‘यह हमारे लिए और उन लोगों के लिए आसान सुबह नहीं है जो हमारे मार्ग में विश्वास करते हैं । हम नेसेट में अपने सहयोगियों के साथ अपने मूल्यों के लिए लड़ेंगे ।’ नेतन्याहू यदि चौथी बार प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह इस्राइल में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले नेता बन सकते हैं । उनकी जीत से फलस्तीनियों के साथ इस्राइल के संबंध और तनावपूर्ण होने की आशंका है।