लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने पूछा कि इंनकाउन्टर बंद किए किसने ? पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने सपा राज्य में सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के बयान कि एनकाउंटर बंद होने से राज्य की कानून व्यवस्था बिगड़ी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल के लोगो की दंबगई के विरूद्ध कार्यवाही की ही छूट मिल जाती तो राज्य में पुलिस का खौफ बना रहता।

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मोर्चे पर लगातार घिरती अखिलेश सरकार के बचाव में उतरे सपा महासचिव कुर्तकों से सरकार के पक्ष में खड़े हो रहे है। कुतर्क की बजाय सच्चाई है कि राजनैतिक हित लाभ के लिए पुलिस तंत्र का प्रयोग करने के कारण पुलिस का इकबाल लगातार घट रहा है, जहां अपराधियों पर जाति, मजहब प्रभाव देखकर कार्यवाही हो रही है। वही अब तो सरकार पुलिस के आलाधिकारियों पर भी पंसद नापंसद के आधार पर कार्यवाही कर रही है। सहारनपुर में लूट पर पुलिस के आलाधिकारी पर कार्यवाही किन्तु लखनऊ में मुख्यमंत्री का अल्टीमेटम भी ठेंगे पर। लखनऊ के डालीगंज ईलाके में हुए ट्रिपल मर्डर व 50-50 लाख की लूट के मामले में 18 दिन बाद भी पुलिस जहां की तहां खड़ी है। जबकि 15 दिनों का समय खुद मुख्यमंत्री ने अपनी तरफ से दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भरोसा जगा कि लूट व हत्या का खुलासा होगा, नहीं होने पर कार्यवाही होगी, पर वहां भी भरोसा टूटा।

श्री पाठक ने कहा कि बदमाशों में पुलिस का खौफ बना रहे, इसके लिए सपा सरकार ने तीन वर्षों में क्या प्रयास किए ? राज्य की पुलिस लगातार खनन माफियाओं से पीटती रही, पर अपने रसुख के कारण ये खनन माफिया अपनी मनमानी करते रहे है। इसी प्रकार लगातार पशु तस्कर पुलिस पर हमलावर होते रहे है। 622 मामलों में पुलिस पिटती रही, अब पिटती पुलिस को क्यों नहीं संरक्षण दिया जा सका, यह तो सरकार ही बताये। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तमाम आयोग और कचहरियों पर हाथ बांधने का ठिकरा मढ़ने के बजाय, राजनैतिक कारणों से पुलिस के बंधे हाथो को खोलने के उपाय किए जाये। अच्छे काम करने वाले पुलिस कर्मियों को संरक्षण और लापरवाह, नाकाबिल पुलिस वालो पर कार्यवाही हो।