लखनऊ:प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोबिन्द चौधरी ने आज विधान सभा में बेसिक शिक्षा विभाग का तीन खरब, तेईस अरब, नौ करोड़ उन्नासी लाख तीन हजार तथा राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद का एक अरब तैतालिस करोड़ उन्नतालिस लाख इक्कीस हजार का बजट प्रस्तुत किया श्री राम गोविन्द चैधरी ने बताया कि वर्ष 2015-16 में प्राइमरी स्कूलों में 3750 शौचालय एवं 3600 पेयजल की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त पूर्व से संचालित विद्यालयों में 7500 अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण एवं 37500 विद्यालयों में चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि द्वितीय बैच के प्रशिक्षण पूर्ण लगभग 91000 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजन की कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। इस प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर लगभग 121000 अध्यापकों की भर्ती की जा चुकी है और लगभग 164000 अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया गतिमान है, इससे विद्यालयों में अध्यापकों की कमी दूर हो जायेगी। प्रदेश सरकार की यह एक एतिहासिक उपलब्धि होगी।

श्री चैधरी ने बताया कि वर्ष 2015-16 में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए फर्नीचर की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने के उद्देश्य से हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में विद्यालय पुरस्कार की नयी योजना प्रस्तावित की गयी है, जो विद्यालय छात्र नामांकन, पठन-पाठन, बच्चों के उपलब्धि स्तर, अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे उन्हें पुरस्कार दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अन्य बोर्ड जैसे सी0बी0एस0सी0, आई0सी0एस0ई0 से सम्बद्ध विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 01 अप्रैल से प्रारम्भ होता है। एकरूपता की दृष्टि से प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों एवं बेसिक परिषद से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में भी आगामी शैक्षिक सत्र 01 अप्रैल से प्रारम्भ किया जायेगा। इस सम्बन्ध में आवश्यक तैयारियां की जा रही है। श्री चैधरी ने बताया कि मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 1.69 लाख प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत लगभग दो करोड़ छात्र आच्छादित हैं, जिसमें 477 मदरसे भी शामिल है। इस हेतु लगभग 04 लाख रसोइये भोजन पकाने हेतु कार्यरत हैं। योजनान्तर्गत प्रत्येक विद्यालय को रू0 5000 प्रति विद्यालय की दर से बर्तन /उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं। वर्ष 2015-16 में साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत आयोजित होने वाली साक्षरता परीक्षा में 50 लाख प्रतिभागियों को सम्मिलित कराये जाने का प्रस्ताव किया गया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु निम्नवत् बजट प्रस्तावित है-बेसिक शिक्षा विभाग – अनुदान संख्या -71, कुल बजट प्राविधान – रू0 323097903000, (तीन खरब तेईस अरब नौ करोड़ उन्यासी लाख तीन हजार मात्र), राज्य शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद् अनुदान संख्या-75, कुल बजट प्राविधान – रू0 1433921000, (एक अरब तैतालिस करोड़ उन्तालिस लाख ईक्कीस हजार मात्र)।

चौधरी ने बताया कि शिक्षा श्री गुणवत्ता में सुधार हेतु सभी अध्यापकों को सेवारत प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक कक्षाओं में पठन कौशल व अंकगणित पर तथा उच्च प्राथमिक कक्षाओं में विज्ञान व गणित शिक्षा पर विशेष बल देने का प्रस्ताव है। छात्र-छात्राओं के उपलब्धि स्तर ज्ञात करने हेतु वाह्य संख्या से सर्वेक्षण कराया जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही विद्यालयों एवं शिक्षकों के कार्यों की मूल्यांकन की व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव है।