नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कथित जासूसी के मामले ने हंगामा खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की है। जबकि बीजेपी ने पलटवार करते हुए इसे पुलिस की सामान्य कार्यवाही करार दिया है। उधर दिल्ली पुलिस ने भी जासूसी के आरोप से साफ इनकार करते हुए कहा है कि सुरक्षा लिहाज से पुलिसकर्मी राहुल के दफ्तर गए थे लेकिन केंद्र सरकार का इस जांच से कोई लेना-देना नहीं है।

कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार राहुल की जासूसी करवा रही है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये गुजरात मॉडल हो सकता है लेकिन ये भारत का मॉडल नहीं है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो पूरे विपक्ष को लामबंद करके मामला संसद में उठाएगी। कांग्रेस के मुताबिक दिल्ली पुलिस के एएसआई शमशेर सिंह ने राहुल गांधी के दफ्तर में जाकर पूछताछ की। एएसआई ने राहुल और उनके करीबियों से जुड़ी जानकारी मांगी। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल के बालों का रंग, पहनावा, उम्र और पिता के नाम तक पर पूछताछ की गई। इस दौरान एएसआई को जासूसी करते और गैरजरूरी जानकारी लेते पाया गया।

इससे पहले युवा कांग्रेस के नाराज कार्यकर्ताओं ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर विरोध प्रदर्शन किया लेकिन बीजेपी बैकफुट पर जाती नज़र नहीं आ रही। पार्टी ने कांग्रेस पर पलटवार किया। पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि दिल्ली पुलिस पीएम, होम मिनिस्टर और बीजेपी अध्यक्ष से भी इस प्रफोर्मा का इस्तेमाल करते हुए जानकारी मांग चुकी है।

उधर पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि वीवीआईपी सुरक्षा समीक्षा के लिए जानकारी ली जाती है और राहुल के अलावा लालकृष्ण आडवाणी और कई दूसरे नेताओं के घर भी पुलिस टीम गई थी। हालांकि बस्सी ने माना कि जांच में इस्तेमाल होने वाला प्रफोरमा साल 1999 से चल रहा है और उसमें कई गैरजरूरी सवालों को बदले जाने की जरूरत है। लेकिन जासूसी के आरोप उन्होंने खारिज कर दिए।

बस्सी की सफाई अपनी जगह है लेकिन ये मामला अब सियासी रंग ले चुका है और सोमवार को संसद सत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की हर मुमकिन कोशिश करेगी।