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यह डाटा रेवोल्यूशन का दौर है: डा0 टीसीए आनन्द

KMC UAFU में “Global Opportunities and Challenges for the emerging Indian Economy” विषय पर संगोष्ठी का शुभारम्भ

लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय के वाणिज्य, प्रबन्धन एवं अर्थशास्त्र विभागो के संयुक्त तत्वाधान में “Global Opportunities and Challenges for the emerging Indian Economy” विषय पर आज दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ।  संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुये  प्रो0 आबाद अहमद, चेयरमैन, आग़ा खान फाउण्डेशन (इण्डिया) ने कहा कि ब्रिक्स  देशों के सन्दर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति ज्यादा मज़बूत है। वर्तमान दौर में ग्लोबल मार्केटिंग पर चर्चा करते हुये उन्होने कहा कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अपनी पहचान स्थापित करने के लिये प्रेरणादायक नेतृत्व, कौशल विकास, नवीन रणनीति और कार्यशील लोगों का पारस्परिक सहयोग, गुणवत्ता एवं सांस्कृतिक मूल्यों को बनाये रखना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों में व्यापार को सफल बनाने का जोश भी होना चाहिये।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा0 टीसीए अनन्द, मुख्य सांख्यिकीयविद, सांख्यिकी मंत्रालय, भारत सरकार एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन, दिल्ली स्कूल आॅफ इकोनोमिक्स, ने कहा कि यह दौर डाटा रेवोलूशन का है। सूचना तकनीकी के इस दौर में आम आदमी के लिये सूचनाओं को प्राप्त करना आसान हो गया है परन्तु डिजिटल डिवाइड  के कारण आज भी बहुत से लोग आसानी से सार्थक डाटा नहीं प्राप्त कर पाते। ज्यादा से ज्यादा लोगों को डाटा उपलब्ध कराने के लिये यह महत्वपूर्ण है कि इस विषय पर शोध किया जाये।

प्रो0 खान मसूद, मा0 कुलपति, ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फ़ारसी विश्वविद्यालय, ने मुख्य अतिथि एवं आये हुये सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुये अपने उद्बोधन में इस बात पर जोर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिये ग्लोबल उपलब्धियों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होनें देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिये भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश प्रभावशाली शक्ति है।

उद्घाटन समारोह के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर तकनीकी सत्र का आयोजन हुआ जिसमें प्रमुख प्रतिभागियों में प्रो0 मधुरिमा लाल, अप्लाइड इकोनोमिक विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो0 एस0सी0 पुरोहित, वीर बहादुर सिंह पुर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, प्रो0 शाहिद अहमद, अर्थशास्त्र विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली, प्रो0 मानस पाण्डेय, व्यवसाय अर्थशास्त्र, वीर बहादुर सिंह पुर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, प्रो0 संजय मेधावी, विभागाध्यक्ष, प्रबन्धन विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो0 मनोज कुमार अग्रवाल, अर्थशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, उपस्थित थे।

कार्यक्रम की संयोजिका दुआ नक़वी और डा0 तनु डंग थीं। धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 माहरुख़ मिर्ज़ा, सेमिनार संयोजक ने दिया।  इस अवसर पर स्मारिका का विमोचन मुख्य, अतिथि एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया। 

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