नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म ने बवाल मचाकर रख दिया है। निर्भया के साथ हुई हैवानियत पर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा। तो इसी कांड पर बनी फिल्म ने भी सुर्खियां बटोरी। संसद में बवाल हुआ, तो पूर्व गृहमंत्री तक बवाल की लपेट में आ गए। लेकिन अब निर्भया के दोस्त ने खुलकर सामने आते हुए कहा कि ‘इंडियाज डॉटर’ नाम से बनाई गई डॉक्यूमेंट्री फिल्म पूरी तरह से फर्जी है। उसने कहा कि इस फिल्म में सिर्फ आरोपियों का पक्ष दिखाया गया है, और आरोपियों के बयान। जबकि उस रात हमारे साथ क्या हुआ, वो सिर्फ हम ही जानते हैं।

निर्भया के साथ बस में रहे और हैवानों के कहर को झेलने वाले अवनिंद्र पाण्डेय ने कहा कि केंद्र सरकार ने डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाकर कुछ भी गलत नहीं किया है। अवनिंद्र पाण्डेय ने कहा कि ये डॉक्यूमेंट्री पूरी तरह से एक तरफ झुकाव रखती है। इसमें पीड़ित पक्ष को नहीं रखा गया है। इसकी पूरी बाते गलत और झूठी है। अवनिंद्र ने कहा कि सिर्फ वो और निर्भया ही वो हकीकत जानते हैं। दूसरा कोई नहीं। इस डॉक्यूमेंट्री की हर बात गलत है।

अवनिंद्र पाण्डेय ने डॉक्यूमेंट्री को फेक बताते हुए कहा कि उसमें जिस ट्यूशन मास्टव सत्येंद्र का जिक्र है। उसने कहा कि मैं एक्शन फिल्म देखना चाहता था, जबकि निर्भया ‘लाइफ ऑफ पाई’। उन्हं कैसे पता कि वो कौन सी फिल्म देखना चाहते थे?

निर्भया गैंगरेप कांड पर बनी फिल्म ‘इंडियाज डॉटर’ काफी सुर्खियों में रही। अवनिंद्र पाण्डेय कहते हैं कि ये हंगामा जानबूझकर किया गया और भावनाओं का मजाक बनाया गया। इस डॉक्यूमेंट्री में न सिर्फ भावनाओं का मजाक उड़ाया गया, बल्कि देश के कानून व्यवस्था का भी मजाक बनाया गया। पाण्डेय कहते हैं कि इस डॉक्यूमेंट्री पर पहले ही रोक लगा देनी चाहिए थी। इससे देश की इमेज खराब हुई।

उन्होंने कहा कि उनसे भी 2013 में ‘इंडियाज डॉटर’ के लिए संपर्क साधा गया था, लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया था। वे शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार नहीं थे। अवनिंद्र पाण्डेय ने मांग की कि सरकार को चाहिए कि वो हर डॉक्यूमेंट्री को रिलीज करने से पहले जांचे। इसके लिए अलग से सेंसर बोर्ड का गठन किया जाए।

गौरतलब है कि ‘इंडियाज डॉटर’ 23 वर्षीय निर्भया के साथ हुए गैंगरेप पर आधारित है। जिसमें 6 लोगों ने उसके साथ चलती बस में हैवानियत की थी। ये कांड देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर हुआ था, 16 दिसंबर 2012 को हुआ था, जिसके बाद 29 दिसंबर 2012 को निर्भया की मौत हो गई थी। निर्भया के साथ उस बस में उनके मित्र अवनिंद्र पाण्डेय भी थे, जो गंभीर रूप से घायल हो गए थे।