नागपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पालघर में हुई घटना की रविवार को निन्दा की और कहा कि समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। पालघर में भीड़ ने दो साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं से ऑनलाइन संबोधन में कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति बनाकर रखना प्रशासन का दायित्व था।
उन्होंने कहा, ‘‘मानवता की कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना करनेवाले संन्यासियों की पालघर में बर्बरता से हत्या कर दी गई। पुलिस क्या कर रही थी? इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए थी।’’ भागवत ने कहा कि साधू मानवता के दूत थे और उस धर्म का पालन कर रहे थे जिसे वे मानते थे। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म आचार्य सभा ने दोनों संतों को 28 अप्रैल को श्रद्धांजलि देने की अपील की है।
भागवत ने कहा, ‘‘विश्व हिन्दू परिषद ने भी इसके लिए एक कार्यक्रम तय किया है। हम उन्हें अपनी ओर से श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रमों में शामिल होंगे।’’ उन्होंने कहा कि समुदाय के नेताओं को लोगों से गुस्सा और गुमराह न होने को कहना चाहिए। भारत विरोधी ताकतें हैं जो देश को तोड़ने के लिए इसका इस्तेमाल करने का इंतजार कर रही हैं।
पालघर में 16 अप्रैल को दो साधुओं और उनके चालक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
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