मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाॅकडाउन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक सहित फील्ड में तैनात सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी मण्डी तथा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में नियमित पेट्रोलिंग करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि आवश्यक सामग्री की सप्लाई चैन से जुड़े वाहन छूट का दुरुपयोग न करने पायें। यह चेतावनी जारी की जाए कि जो भी ट्रक सवारी ढोते पाया जाएगा उसे तत्काल जब्त कर लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि क्वारंटीन सेन्टरों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखते हुए पूरी सावधानी और सतर्कता बरती जाए। उन्होंने क्वारंटीन सेन्टर तथा आइसोलेशन वाॅर्ड की संख्या तथा टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने 20 या उससे अधिक कोरोना पाॅजिटिव केस वाले जनपदों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तथा वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी को भेजने के निर्देश दिये हैं। यह अधिकारी सम्बन्धित जनपद में कम से कम एक सप्ताह कैम्प कर वहां संचालित स्वास्थ्य सहित विभिन्न कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे। उन्होंने ऐसे प्रत्येक जनपद में आई0जी0 स्तर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (जहां पहले से आई0जी0 स्तर के अधिकारी की तैनाती नहीं है) को भी भेजने के निर्देश दिये हैं। यह पुलिस अधिकारी आवंटित जनपद में लाॅकडाउन व्यवस्था को और प्रभावी ढंग से लागू कराएंगे तथा अपनी रिपोर्ट भी प्रेषित करेंगे ।

मुख्यमंत्री ने कम्युनिटी किचन, डोर स्टेप डिलीवरी तथा खाद्यान्न वितरण की नवीनतम स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि 01 मई, 2020 से प्रारम्भ होेने वाले खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम में यह सुनिश्चित किया जाए कि पुराने राशन कार्ड धारकों के साथ-साथ नये राशन कार्ड धारकों को भी राशन उपलब्ध हो। प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद द्वारा अवगत कराया गया कि अन्त्योदय कार्ड धारकों को प्रति कार्ड 20 किलो गेहंू तथा 15 किलो चावल तथा अन्य श्रेणी के लाभार्थियों यथा मनरेगा श्रमिक, पंजीकृत निर्माण श्रमिक, ठेला, खोमचा लगाने वाले, रिक्शा, ई-रिक्शा चलाने वालों आदि को प्रति यूनिट 03 किलो गेहूं तथा 02 किलो चावल उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन को नियमित तौर पर सेनेटाइज किया जाए। शेल्टर होम में रह रहे लोगों का पूल टेस्ट कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कम्युनिटी किचन का भोजन गुणवत्तापरक हो तथा भोजन पर्याप्त मात्रा में तैयार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री का पीड़ित सहायता कोष-कोविड केयर फण्ड’ स्थापित किया गया है। इस फण्ड की धनराशि का उपयोग कोविड-19 के उपचार व बचाव के लिए किया जाएगा। फण्ड की धनराशि से टेस्टिंग, एल-1, एल-2 तथा एल-3 अस्पतालों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण, लाॅजिस्टिक्स यथा पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क, वेंटिलेटर्स आदि की व्यवस्था की जाए। फण्ड की धनराशि से पी0पी0ई0 क्रय करते हुए, इमरजेंसी सेवाएं प्रारम्भ करने वाले अस्पतालों को जिलाधिकारी के माध्यम से इन्हें उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित जनपदों में पी0पी0ई0 तथा एन-95 मास्क प्राथमिकता पर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये।

मुख्यमंत्री ने टेलीमेडिसिन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से लोगों को उपचार सम्बन्धी परामर्श उपलब्ध कराने वाले डाॅक्टरों की टेलीफोन नम्बर युक्त सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे लोगों को घर बैठे चिकित्सीय परामर्श मिल सके। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इमरजेंसी सेवा प्रदान करने वाले अस्पताल स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाॅल के अनुरूप कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने नोडल अधिकारियों द्वारा किये जा रहे कार्याें की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि समस्त नोडल अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहते हुए लोगों की दिक्कतों को सुनें एवं उनका समाधान कराएं। उन्होंने कहा कि कोरोना से अप्रभावित जनपदों में केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप औद्योगिक इकाइयों का संचालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि औद्योगिक इकाइयां सोशल डिस्टंेसिंग अपनाते हुए निर्धारित प्रोटोकाॅल के अनुरूप कार्य करें। थर्मल स्कैनर से कार्मिकों की नियमित स्क्रीनिंग की जाए। कामगारों के रहने व भोजन आदि की व्यवस्था इकाई के परिसर में ही हो।