श्रेणियाँ: देश

पश्चिम बंगाल: लॉकडाउन में फंसी असम की हिन्दू दंपत्ति को मुस्लिम परिवार ने दी पनाह

नई दिल्ली: कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देश दुनिया में जहाँ कई परेशानियों की तस्वीरें सामने आ रही हैं। वहीं मानवता की मिसाल भी देखी जा रही है। पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह की घटना सामने आई है। यहां लॉकडाउन के कारण फंसे असम के एक हिंदू जोड़े को राज्य के मुर्शिदाबाद जिले में एक मुस्लिम घर में पनाह मिली है। दोनों पति-पत्नी पिछले एक महीने से उनके साथ रह रहे हैं।

बंगाली दैनिक आजकल के अनुसार, असम के गोलपारा के मिथुन दास और मौमिता दास सड़क मार्ग से कोलकाता जा रहे थे, मगर इसी दौरान अचानक लॉकडाउन लागू हो गया। बंगाली दैनिक के अनुसार, दंपत्ति मिथुन के इलाज के लिए कोलकाता जा रहे थे।

चूंकि दंपति के पास न तो किसी होटल में जाने के पैसे थे न ही आसपास कोई रिश्तदार। ऐसे में वे मुर्शिदाबाद के बेलडांगा ब्लॉक गए जहां मिथुन के कुछ व्यापारिक संपर्क थे। तब से इस दंपति को स्थानीय पंचायत के प्रमुख के भतीजे फारूक अब्दुल्ला के घर में आश्रय मिला है। अब्दुल्ला मुस्लिम मोहल्ले मोल्लापारा में रहते हैं।

मिथुन और मौमिता हाल ही में स्थानीय खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के संपर्क में आए और उन्हें असम वापस जाने की बात कही, जहां दंपति के दो बच्चे पड़ोसी के साथ रह रहे हैं। बीडीओ बिरुपाखयो मित्रा ने उनकी वापसी की सुविधा देने का वादा किया, लेकिन लॉकडाउन हटाए जाने के बाद ही वे उनके लिए प्रबंध करा सकते हैं। मित्रा ने भी मौमिता को आवश्यक सामान का एक बैग दिया है।

इस बीच, अब्दुल्ला ने मिथुन और मौमिता को चिंता न करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, "यह तो केवल एक महीना है। आप एक साल तक हमारे साथ रह सकते हैं।" उदारता से अभिभूत, मौमिता के पास इसे बयान करने के लिए शब्द नहीं है।

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024