नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑनलाइन सामान बिक्री की छूट दिए जाने का विरोध गहराता जा रहा है। इससे नाराज खुदरा दुकानदारों का कहना है कि आगामी 20 अप्रैल से ऑनलाइन गैर आवश्यक वस्तुओं की बिक्री को छूट दिया जाना कहीं से न्याय संगत नहीं है। इसे देश के खुदरा व्यापार को खत्म करने की साजिश बताते हुए दुकानदारों ने इस फैसले का शांतिपूर्वक विरोध करने का निर्णय लिया है। इसके तहत कल यानी रविवार को शाम 7 बजे व्यापारी अपने घर में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए थाली, घंटी और शंख बजाकर सरकार के इस निर्णय का विरोध करेंगे।

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महामंत्री वी के बंसल का कहना है कि लॉकडाउन को सफल बनाने में राष्ट्र के खुदरा व्यापारियों का अभूतपूर्व योगदान रहा है और एक योद्धा की भांति 130 करोड़ नागरिकों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा रहे हैं। अन्य गैर जरूरी वस्तुओं का कारोबार करने वाले व्यापारी भी इस दौरान वंचित वर्ग को लगातार भोजन इत्यादि की व्यवस्था कर रहे हैं और अपने राष्ट्र धर्म का निर्वाह करते रहे है। लेकिन, यह अफसोसजनक है कि सरकार घरेलू खुदरा व्यापारियों के हितों की अनदेखी कर विदेशी स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर आवश्यक वस्तुओ को ऑनलाइन बिक्री करने की अनुमति दे दी है।

बंसल का कहना है कि पहले तो अर्थव्यवस्था की सुस्ती के चलते, फिर कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन और बंद व्यापार में भी कर्मचारियों का वेतन वेतन, बिजली एवं अन्य खर्च उठाने के कारण घरेलू खुदरा कारोबारी पहले से ही संकटग्रस्त है। ऐसे में सरकार के इस कदम से वह तबाह हो जाएंगे।