नई दिल्ली: इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है। भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या ने 12 हजार का आंकड़ा पार कर लिया है। वहीं 400 से ज्यादा लोगों की भी मौत हो चुकी है। वहीं, कोरोना की इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर्स को पीपीई यानि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट किट की कमी न हो इसलिए भारत ने चीन से करीब डेढ़ करोड़ पीपीई किट्स का ऑर्डर किया है। इस बीच चीन की बड़ी निजी कंपनियों की तरफ से भारत भेजे गए कई किट्स क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं।

द इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक इस मामले से संबंधित एक व्यक्ति ने बताया कि चीन से आईं 1 लाख 70 हजार किट्स में से 50 हजार किट्स क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं हैं। उन्होंने बताया कि 30,000 और 10,000 किट्स के दो छोटे कंसाइनमेंट्स भी आईं, जो टेस्ट में फेल हो गई हैं। इन किट्स की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन लेबोरेट्री ग्वालियर में टेस्टिंग की गईं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वे केवल सीई/ एफडीए सर्टिफाइड (प्रमाणित) पीपीई किट खरीद रहे हैं। वहीं दान के रूप में मिली खेप गुणवत्ता परीक्षण पर खरी नहीं उतरी हैं इसलिए उनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। व्यक्ति ने कहा, 'एफडीए/ सीई द्वारा पारित न होने वाली किटों को भारत में गुणवत्ता परीक्षण पास करना होता है।'

दरअसल, चीन पीपीई उपकरणों को सप्लाई करने वाले दुनिया का सबसे प्रमुख देश है, ऐसे में जब भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है तो सरकार ने कुछ उपकरण चीन से खरीदने का फैसला किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, जो किट्स टेस्ट में विफल रहीं, वे भारत को बड़ी निजी कंपनियों से दान स्वरुप मिली थीं। इस पूरी प्लानिंग के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि व्यापारियों के माध्यम से एक अतिरिक्त 1 लाख सूट का ऑर्डर दिया गया है। इसमें एक सिंगापुर की भी कंपनी शामिल है।

शख्स ने कहा है कि मई के पहले हफ्ते तक हमारे पास यह सूट होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इनके और ऑर्डर भी दिए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि अगर भारत के पास 2 मिलीयन पीपीई सूट होंगे तो देश अच्छी स्थिति में होगा। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि घबराने की जरुरत नहीं है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि अभी और ऑर्डर दिए जा रहे हैं।