लखनऊ। झकझोरने वाली महामारी कोविड-19 के प्रबन्धन एवं रोकथाम के हरसंभव प्रयास करने के लिये दुनियाभर के भारतीय मूल के लगभग 1.4 मिलियन चिकित्सकों को एक मंच पर लाने के लिये ग्लोबल इण्डियन फिजिशियन्स कोविड-19 कोलाबोरेटिव का गठन किया गया है।
इस मंच की घोषणा देश एवं दुनिया में विभिन्न संगठनों ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियन्स ऑफ इण्डियन ओरिजिन, द अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियन्स ऑफ इण्डियन ओरिजिन, द ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियन्स ऑफ इण्डियन ओरिजिन, द कनाडा इण्डिया नेटवर्क सोसाईटी एवं कनैडियन एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियन्स ऑफ इण्डियन हेरिटेज ने ग्लोबल इण्डियन फिज़िशियन्स ने संयुक्त रूप से की है।
कोविड-19 के प्रबन्धन एवं रोकथाम के अलावा इस मंच के उद्देश्यों में टीकाकरण, नए नैदानिक जांच, वेंटीलेशन, जल्दी चेतावनी, हालात पर निगरानी रखने के लिए एल्गोरिदम, एंटीवायरल थेरेपी, प्लाज़्मा थेरेपी और नोवल एजेंन्ट्स शामिल हैं।
डॉ0 प्रताप सी रेड्डी, चेयरमैन, अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप एवं संस्थापक अध्यक्ष, ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियन्स ऑफ इण्डियन ओरिजिन ने स्वास्थ्य समुदाय को एकमंच पर आने के लिए भावनात्मक अपील की है। उन्होंने कहा वर्तमान में हम तीसरे विश्व युद्ध से जूझ रहे हैं। ऐसा युद्ध जिसने मात्र 100 दिनों के अंदर 200 देशों और क्षेत्रों को अपनी चपेट में ले लिया है, यह 1.6 मिलियन से अधिक लोगों को सक्रंमित कर चुका है और 95813 लोगों की जान ले चुका है।
एक डॉक्टर के रूप में अपने 65 सालों के करियर में मैंने ऐसे हालात कभी नहीं देखे, मुझे विश्वास है कि दुनिया कभी ऐसी नहीं रहेगी। किंतु कोविड-19 ने हमें बता दिया है कि हम सभी बाधाओं को पार कर एकजुट होकर किसी भी चुनौती को हल कर सकते हैं। इसने हमें बताया है कि हमारे पास रिकॉर्ड समय में समस्या के समाधान खोजने की अद्भुत क्षमता है। डॉ सुरेश रेड्डी, प्रेज़ीडेन्ट, द अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियन्स ऑफ इण्डियन ओरिजिन ने कहा मैं दुनिया भर के डॉक्टरों, नर्सों, टेकनिश्यिनों, पैरामेडिकल स्टाफ, सपोर्टिंग स्टाफ एवं एडमिनिस्ट्रेटर्स को सलाम करता हूं जो इस लड़ाई में मोर्चे पर डटे हैं।
अमेरिका में कोविड-19 के सबसे ज़्यादा मामले हुए हैं, ऐसे में दुनिया अमेरिका से सबक ले सकती है। डॉ रमेश मेहता, अध्यक्ष, द ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियन्स ऑफ इण्डियन ओरिजिन ने नवगठित ग्लोबल इण्डियन फिज़िशियन कोविड-19 कोलाबोरेटिव बैठक का आयोजन आज आयोजित की गयी जिसमें दुनिया भर से डॉक्टर और विशेषज्ञ इस वायरस से निपटने के लिए चुनौतियों और अपने अनुभवों को साझा करेंगे। डॉ अनुपम सिब्बल ने कहा, कोविड-19 ने दुनिया भर में काम करने वाले भारतीय मूल के 1.4 मिलियन फिज़िशियनों को कोविड-19 की इस लड़ाई में योगदान देने का मौका दिया है, इससे पहले भी वे कई आपदाओं से निपटने में योगदान दे चुके हैं। आज दुनिया इन चिकित्सकों से कोविड-19 के समाधान की उम्मीद कर रही है और हम जानते हैं कि वे लोगों को निराश नहीं होने देंगे।
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