पासपोर्ट व वीजा अधिनियम के उल्लंघन के तहत होगी कार्यवाही
रिपोर्ट-रमेश चन्द्र गुप्ता
बहराइच: नगर क्षेत्र की दो मस्जिदों में विगत दो सप्ताह पूर्व मिले विदेशी मुल्क के 17 मौलानाओं व भारतीय मूल के 4 भाषा अनुवादकों को पुलिस ने 14 दिनो की क्वारन्टाइन सीमा पूर्ण होने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में जेल रवाना कर दिया। सभी मौलानाओं के तबलीगी जमात से जुड़े होने की सूचना के बाद नगर पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया था और कड़े पहरेदारी के बीच ट्रामा सेन्टर में क्वारन्टाइन किया था।
पुलिस अधीक्षक डा0 विपिन कमार मिश्र ने बताया कि लाकडाउन के बीच नगर क्षेत्र में तबलीगी जमात के कुछ मौलानाओ के होने की सूचना के बाद पुलिस टीम ने स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर की दो मस्जिदो में छानबीन की थी। इस दौरान नगर के मोहल्ला महोलीपुरा स्थित ताज मस्जिद में थाईलैण्ड के 7 मौलानाओं के साथ मणिपुर व गोवा के दो भाषा अनुवादक सहयोगियों तथा बशीरगंज मोहल्ले की कुरैश मस्जिद में इण्डोनेशिया के 10 मौलानाओ के साथ मुम्बई के दो भाषा अनुवादक मिले थे। सभी विदेशियो में कोरोना के लक्षण नही पाये गये थे और जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आई थी। जिसके बाद सभी को पुलिस की कड़ी पहरेदारी के बीच ट्रामा सेन्टर मे बने क्वारन्टाइन सेन्टर में 14 दिनो के लिये क्वारन्टाइन किया गया था।
एसपी श्री मिश्र ने बताया कि इन सभी के विरूद्ध आईपीसी की धारा-269, 270, 271, 188, महामारी अधिनियम की धारा-3, पासपोर्ट अधिनियम की धारा-12(3), विदेशी विषयक अधिनियम की धारा-14बी व 14सी तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा-56 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था। सभी विदेशी मौलानाओं व भारतीय मूल के भाषा अनुवादको की 14 दिवसीय क्वारन्टाइन सीमा पूरी होने के बाद ट्रामा सेन्टर से कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में सभी को जेल रवाना कर दिया गया। सभी विदेशी मौलानाओं को पासपोर्ट व वीजा अधिनियम के उल्लंघन के तहत कार्यवाही की जायेगी।
मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…
बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…
मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…
-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…
(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…
(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…