नई दिल्ली: अमेरिका में इस वक्त कोरोना वायरस काफी ज्यादा फैला हुआ है। कोविड-19 से अमेरिका में 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फंडिंग रोकने की धमकी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। WHO के डायरेक्टर जनरल गेब्रियेसस ने कहा, ''कोरोना वायरस के राजनीतिकरण से क्वारंटीन रहें। दलगत, विचारधारा और धार्मिक मतांतर से ऊपर उठें। कोरोना पर सियासत करने का ये सही वक्त नहीं है। अभी हमारे पास बहुत सारे बॉडी बैग्स हैं।''

रिपोर्ट के मुताबिक टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने कहा,'' कोरोना वायरस से इस वक्त संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन को एक साथ आकर लड़ना चाहिए। जहां राष्ट्रीय स्तर और वैश्विक स्तर दरार होता है, वहां वायरस घुस हमें हरा सकता है। भगवान के लिए इसे बंद कर दीजिए हमने दुनिया के 60,000 से अधिक लोगों को खो दिया है।''

कोरोना महामारी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर चीन केंद्रित होने का आरोप लगाया था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को लेकर जो भी फैसला किया है, वह चीन केंद्रित रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार (7 अप्रैल) देर रात ट्वीट कर लिखा, 'डब्ल्यूएचओ ने सच में इसे बवंडर बना दिया। कुछ वजहों से अमेरिका ने सबसे ज्यादा फंड दिया, लेकिन यह (WHO) बहुत चीनी केंद्रित रहा है। हम इसे (फंड) अच्छे से देखेंगे। भाग्यवश मैंने चीन के साथ अपने बॉर्डर को खुला रखने के सुझाव को शुरुआत में ही नकार दिया था। उन्होंने हमें इतना दोषपूर्ण (गलत) सुझाव क्यों दिया?'

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, ‘‘हम उन्हें (WHO) 5.8 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि देते हैं। इतने वर्षों में उन्हें जो पैसा दिया गया है उसके मुकाबले 5.8 करोड़ डॉलर छोटा-सा हिस्सा हैं। कई बार उन्हें इससे कहीं ज्यादा मिलता है।’’ ट्रम्प ने कहा, ‘‘लेकिन हम इस पर विचार करना चाहते हैं। उन्होंने (डब्ल्यूएचओ) इसे गलत बताया। वे महीनों पहले इसके बारे में बता सकते थे। वे जानते होंगे और उन्हें जानना चाहिए था। इसलिए हम बहुत सावधानीपूर्वक इस पर विचार करेंगे और हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली धनराशि पर रोक लगाने जा रहे हैं।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले भी WHO पर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगा चुके हैं। 26 मार्च को ट्रंप ने कहा था कि WHO ने कोरोना वायरस के दौरान चीन की 'तरफदारी' की है और इससे कई लोग खुश नहीं हैं। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के अलावा कई सांसदों ने भी WHO पर सवाल उठाए हैं।