नई दिल्ली: देश के दिग्गज प्राइवेट बैंक एचडीएफसी की ओर से बोर्ड में नियुक्तियों के फैसले को भारतीय रिजर्व बैंक ने खारिज कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा है कि नए एमडी और सीईओ की नियुक्ति से पहले बोर्ड के सदस्यों को नहीं चुना जाना चाहिए। दरअसल एचडीएफसी बैंक ने शशिधर जगदीशन को अडिशनल डायरेक्टर और भावेश जावेरी को कार्यकारी निदेशक बनाने की जानकारी देने वाला पत्र 28 नवंबर, 2019 को आरबीआई को भेजा था। यह पत्र केंद्रीय बैंक और शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के लिए था। हालांकि केंद्रीय बैंक ने इस फैसले को खारिज करते हुए 7 अप्रैल को एचडीएफसी बैंक के प्रबंधन को पत्र लिखा और कहा कि नए सीईओ और एमडी की नियुक्ति से पहले यह फैसला नहीं लिया जाना चाहिए।

एचडीएफसी बैंक ने आरबीआई की ओर से फैसले पर रोक लगाने की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी है। बैंक ने कहा है कि वह केंद्रीय बैंक की ओर से दिए गए आदेश का पालन करना सुनिश्चित करेगा। बैंक ने कहा कि बोर्ड मीटिंग तक जगदीशन और जावेरी अडिशनल डायरेक्टर के तौर पर काम करते रहेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक एचडीएफसी बैंक ने अपने मौजूदा एमडी और सीईओ आदित्य पुरी के उत्तराधिकारी की तलाश के लिए ग्लोबल सर्च फर्म Egon Zehnder की सेवाएं ली हैं। बता दें कि 1994 से ही बैंक के एमडी के तौर पर कामकाज देखने वाले आदित्य पुरी सर्च कमिटी के एडवाइजर की भूमिका में होंगे।

बैंक की स्थापना के दौर से ही आदित्य पुरी मुखिया के तौर पर कामकाज देखते रहे हैं। वह देश के किसी भी प्राइवेट सेक्टर बैंक के सीईओ के तौर पर सबसे लंबे समय तक काम करने वाले व्यक्ति हैं। भारत और विदेश में उनके पास बैंकिंग सेक्टर में काम करने का 40 सालों से ज्यादा का अनुभव है। गौरतलब है कि एचडीएफसी बैंक देश में सबसे ज्यादा मार्केट शेयर वाला प्राइवेट बैंक है। इसके अलावा कर्ज के एनपीए के मामले में भी अन्य कई बड़े बैंकों के मुकाबले एचडीएफसी का रिकॉर्ड काफी अच्छा है।