लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी के उन आठ बड़े और चार छोटे क्षेत्रों को सील कर दिया गया है, जहां कोविड-19 का संक्रमण फैलने की सबसे अधिक आशंका है। इनक इलाकों में आने-जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। गलियां सूनी है सड़के सूनसान है और खौफ की वजह से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने कहा कि ''राजधानी के सभी संवेदनशील इलाकों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यह इलाके 15 अप्रैल तक सील रहेंगे। इन इलाकों की सभी दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी और मीडिया को भी इन इलाकों में जाने की इजाज़त नहीं दी जायेंगी। सुबह से ही इन इलाकों में पुलिस की टीमें गश्त लगा रही हैं और किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा।'' उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान इन इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। कुछ सफाईकर्मी भी इन इलाकों मे जायेंगे। इलाके को संक्रमण मुक्त करने का काम दमकल विभाग की गाड़ियां करेंगी।

राजधानी लखनऊ के संवेदनशील इलाकों में कैंट थाना क्षेत्र में अलीजान मस्जिद के आसपास का क्षेत्र,वजीरगंज थाना क्षेत्र में मोहम्मदी मस्जिद के आसपास का क्षेत्र,कैसरबाग थाना क्षेत्र में फूल बाग मस्जिद के आसपास का इलाका,कैसरबाग थाना क्षेत्र में नजर बाग मस्जिद के आसपास का इलाका,सहादत गंज थाना क्षेत्र में मोहम्मदिया मस्जिद के आसपास का इलाका, तालकटोरा थाना क्षेत्र में पीर मक्का मस्जिद के आसपास का क्षेत्र, हसनगंज थाना क्षेत्र में त्रिवेणी नगर में खजूर वाली मस्जिद के आसपास का इलाका, गुडंबा थाना क्षेत्र में रजौली मस्जिद के आसपास का क्षेत्र,गोमती नगर थाना क्षेत्र में विजय खंड इलाका आंशिक क्षेत्र, इंदिरानगर थाना क्षेत्र में मेट्रो स्टेशन, मुंशी पुलिया का आंशिक क्षेत्र,खुर्रमनगर थाना क्षेत्र में अलीना एनक्लेव का आंशिक क्षेत्र और मड़ियाव थाना क्षेत्र में आईआईएम पावर हाउस के पास का आंशिक क्षेत्र शामिल है।

उन्होंने बताया कि इनमें आठ बड़े संवेदनशील इलाके शामिल हैं, जो मस्जिद के पास हैं, जहां तबलीगी जमात के लोग ठहरे थे। जिला प्रशासन के अनुसार इन इलाकों में अवरोधक लगा लोगों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित की गयी है। क्षेत्र में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी, लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा, निजी एजेंसियों के माध्यम से दवाई, दूध, राशन, सब्जी व अन्य सामान दरवाजे तक पहुंचाए जाएंगे,आपातकाल की स्थिति में लोग 112 नंबर पर संपर्क कर मदद ले सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति शासन के आदेशों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।