नई दिल्ली: रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कोरोना वायरस के मद्देनजर भारत में लगे लॉकडाउन पर कहा है कि आजादी के बाद यह सबसे बड़ी इमरजेंसी देश की इकोनॉमी के लिए है। लिंकडिन पर लिखे अपने ब्लॉग में रघुराम राजन ने लिखा है, ''भारत की अर्थव्यवस्था आजादी के बाद के 'सबसे बड़े आपातकाल' का सामना कर रही है और यह साल 2008—09 की वैश्विक मंदी से भी गहरा संकट है।'' राजन ने कहा कि हम लंबे समय तक लॉकडाउन नहीं सह सकते हैं।
ऐसे में हमें इस बात पर विचार करना होगा कि किस तरह से संक्रमण को सीमित रखते हुए आर्थिक गतिविधियों को पुन: शुरू करें। उन्होंने कहा, भारत को अब इस बारे में भी योजना तैयार करने की जरूरत है कि लॉकडाउन के बाद भी वायरस पर काबू नहीं पाया जा सका तब क्या किया जाएगा।
रघुराम राजन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को इस बात की सलाह दी है कि वह भारत की इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए विपक्षी दलों और एक्सपर्ट की मदद भी लेनी चाहिए। अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने कहा कि यह आर्थिक लिहाज से आजादी के बाद की सबसे बड़ी आपात स्थिति है।
2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान मांग में भारी कमी आई थी, लेकिन तब हमारे कामगार काम पर जा रहे थे, हमारी कंपनियां सालों की ठोस वृद्धि के कारण मजबूत थीं, हमारी वित्तीय प्रणाली बेहतर स्थिति में थी और सरकार के वित्तीय संसाधन भी अच्छे हालात में थे। अभी जब हम कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं, इनमें से कुछ भी सही नहीं हैं।
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