लखनऊ: आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने अपने जारी एक बयान में कहा कि दुनिया जहां कोराना जैसा खतरनाक वायरस से लड़ रही है। वही भारत कोरोना के साथ-साथ भूख से भी लड़ रहा है। भारत में गरीबों संख्या लगभग 80 करोड़ है, जिन्हें अनाज और साफ पानी बमुश्किल मिल पा रहा है। वही भारतीय इलेक्ट्रानिक मीडिया इन सब पर चर्चा न करके कोरोना को एक कलह के रूप में पेश कर रहा है। मगर गंगा जमुनी तहज़ीब का यह मुल्क उनके इस मंसूबों को हमेशा की तरह नाकमायाब कर देगा।

सैयद जुनैद अशरफ ने कहा, दिल्ली के तबलीगी जमात के मरकज़ के मामले को जिस तरह दिखाया जा रहा है। वह काबिले मज़म्मत है। मैं मानता हूं कि तबलीगी जमात के ज़िम्मेदारान से गलती हो सकती है और उन्हें इस गलती को मान भी लेना चाहिए मगर मैं यह नहीं मानता कि 100 फीसद गलती उन्हीं की है। इलेक्ट्रानिक मीडिया से अनुरोध है कि किसी भी मामलात का तिल का ताड़ न बनाऐं। वहीं आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन की रहनुमाई में ‘‘अशरफी किचन’’ का आगाज़ हुआ। इस किचन के माध्यम से कई गरीब परिवारों को अपनाकर उनके एक वक्त के खाने के साथ एक नाश्ते की किट भी दे रहा है जिसमे दूध भी शामिल है। ‘‘अशरफी किचन’’ के जिम्मेदारान हज़रात को अगर लोगों का और साथ मिला तो वह कई और परिवारों को अपनाएगें। मेरी गुज़ारिश है कि आप ‘‘अशरफी किचन’’ के भागीदार बने या फिर अपने इलाके या कालोनी में इस तरह का किचन खोलकर कोरोना मोतासिर लोगों की मदद करें। ‘‘हमने तो समझा था कि चंद लोग ही भूखे हैं जब लेके निकले राशन तो कई घर निकल आएं’’। सैयद जुनैद अशरफ ने लोगों से कहा कि वह लाकडाउन का पालन करें।