नई दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक आयोजन को लेकर मौलाना साद पर केस दर्ज किया गया है। मरकज मस्जिद में मार्च के मध्य में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था और यह देश में कोरोना वायरस प्रसार का एक प्रमुख स्रोत बन गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। यहां मिले लोगों में से अधिकतर को विभिन्न पृथक केंद्रों और अस्पतालों के पृथक वार्ड में भेज दिया गया है।

अधिकारियों के अनुसार 16 देशों के इन विदेशियों सहित कुल 1,830 लोग 24 मार्च को 21 दिवसीय लॉकडाउन लागू होने के बाद भी तब्लीगी जमात के मरकज में बने रहे। गृह मंत्रालय ने बताया कि 303 तबलीगी कार्यकर्ताओं में कोविड-19 संक्रमण के लक्षण थे और उन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया। मालूम हो कि देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 1251 हो गए हैं। इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा 32 हो गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मरकज के आयोजन पर कड़ा रुख अख्तियार किया था। केजरीवाल ने कहा था कि महामारी के कारण नवरात्रों में भी लोग मंदिरों में एकत्रित नहीं हो रहे है। गुरुद्वारे भी बंद कर दिये गए हैं। ऐसे समय में मरकज में लोगों को एकत्रित करना ठीक नहीं था। मैं सभी धार्मिक नेताओं से अपील करता हूं कि ऐसी हरकत मत कीजिए।

केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने इस मामले में 30 मार्च को एलजी को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा था। अभी तक आई रिपोर्ट के अनुसार 24 लोगों की पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरा का पूरा सिलसिला बहुत गलत है। वहां से निकलकर अलग-अलग राज्यों में गए। केजरीवाल ने कहा कि तेलंगाना में 6 लोगों की मौत की खबर सुनी है। ऐसे में सरकार को सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी। सरकार ऐसा करने में हिचकिचाएगी नहीं।