न्यूयॉर्क: अमेरिका कोरोना से दुनिया का सबसे अधिक संक्रमित देश बन चुका है यहां एक लाख से अधिक पॉजिटिव केस की पुष्टि हुई है। इस मेडिकल चुनौती ने जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ी हैं वहीं नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी ऐंड इन्फेक्शन डिजिज (एनआईएआईडी) के डायरेक्टर ने जो अनुमान जताया है उससे ट्रंप सरकार की नींद उड़ सकती है।

एनआईएआईडी के निदेशक डॉ. एंथनी फौसी का अनुमान बेहद डराने वाला है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में लाखों लोग कोविड19 की चपेट में आ जाएंगे और एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो सकती है। उल्लेखनीय है कि न्यूयॉर्क अमेरिका में कोरोना का केंद्र बना हुआ है जहां हजारों मामले दर्ज हुए हैं लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने इसके बावजदू न्यूयॉर्क को क्वॉरंटीन करने का फैसला नहीं किया है।

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश में कोरोना के रविवार तक कोरोना के 133,146 केस की पुष्टि हो चुकी है और 2300 से अधिक लोगों की जान गई है। वहीं, अमेरिका के बाद इटली और स्पेन बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। दोनों देश द्वितीय युद्ध के बाद से सबसे बड़ा संकट झेल रहे हैं और डॉक्टरों के पास सीमित संसाधनों के बीच अपने मरीजों के इलाज के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इटली और स्पेन यूरोपीय संघ से और मदद देने की अपील कर रहे हैं।

दुनिया में अब तक कोरोना से 33,526 लोगों की मौत हो चुकी है। और अब यह वायरस अमेरिका के डेट्रायट, न्यू ऑरलींस और शिकागो में अपनी पकड़ जमा रहा है। यहां तक अमेरिका का ग्रामीण क्षेत्र भी वायरस से नहीं बचा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा कहीं ज्यादा है क्योंकि कई देशों की राजनीतिक फैसले के कारण यह तय नहीं हो पाया है कि किस शव को गिना जाए और किसे नहीं। जैसे कि अमेरिका, फ्रांस और इटली नर्सिंग होम और घर में हुई मौत को नहीं जोड़ते।