नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर में कटौती की है। बैंक ने रिटेल सेगमेंट में एफडी के इंट्रेस्ट रेट में 0.20%-0.50% तथा बल्क सेगमेंट में 0.50%-1% तक की कटौती की है। एफडी पर ब्याज की नई दरें 28 मार्च, 2020 से लागू हो गई हैं। इस महीने ब्याज दरों में दूसरी बार कटौती की गई है। इससे पहले, बैंक ने 10 मार्च को दरों में कटौती की है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रीपो रेट में 0.75% की कटौती के बाद एसबीआई की यह घोषणा सामने आई है। आरबीआई ने 15 सालों में पहली बार रीपो रेट में इतनी बड़ी कटौती की है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद रीपो रेट में कटौती की घोषणा की, जिसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमाम बैंकों को इसका फायदा तत्काल ग्राहकों तक पहुंचाने को कहा।

एसबीआई ने एक बयान में कहा, 'अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए आरबीआई की असाधारण मौद्रिक नीति उपायों को ध्यान में रखते हुए बैंक ने कर्ज की दरों में 0.75% की कटौती की है और यह एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड लेंडिंग रेट (EBR) तथा रीपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) पर लोन लेने वालों के लिए उपलब्ध है।'

नवीनतम संशोधन के बाद एसबीआई की 7 दिनों से लेकर 45 दिनों की एफडी पर ब्याज दर घटकर 3.5% हो गई है। 46 दिनों से लेकर 179 दिनों के टर्म डिपॉजिट पर 4.5% का इंट्रेस्ट मिलेगा। 180 दिनों के एफडी के लिए 5% की ब्याज दर मिलेगी। एक साल से 10 साल के डिपॉजिट के लिए 5.7% का इंट्रेस्ट मिलेगा।

एसबीआई सीनियर सिटिजंस को तमाम परिपक्वता अवधि के एफडी पर 0.50% का अतिरिक्त ब्याज देता है। नए संशोधन के बाद उन्हें 7 दिनों से लेकर 10 साल के एफडी पर 4%-6% का ब्याज मिलेगा।