अयोध्या: नवरात्रि के पहले दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामलला को टिन शेड से निकालकर फाइबर के बने अस्थायी ढांचे (मंदिर) में विराजित किया| इस दौरान वहां काफी लोग मौजूद थे| अब लोग सवाल करने लगे हैं कि क्या ऐसे माहौल में कि जब पूरे देश में lockdown घोषित है, प्रधानमंत्री मोदी हाथ जोड़कर लोगों से घर में रहने की अपील कर रहे हैं, इस कार्यक्रम को टाला नहीं जा सकता था|

उत्तर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी के इस कार्यक्रम की टाइमिंग पर सवाल उठाया है, उन्होंने ट्वीट किया है योगी जी प्रधानमंत्री की बात नहीं मानते|

नवरात्रि का पहला दिन हैं,मां के दरबार में दर्शन के लिए जाना मेरी भी हार्दिक इच्छा हैं लेकिन मैंने प्रधानमंत्री जी की बात मानी।

उप्र के मुख्यमंत्री जी नहीं मानते,भीड़ के साथ दर्शन कर रहे हैं तो ऐसे में कैसे उप्र की जनता प्रधानमंत्री जी की बात मानें?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला को टिन शेड से निकालकर फाइबर के बने अस्थायी ढांचे (मंदिर) में विराजित किया. जब तक मंदिर निर्माण का काम पूरा नहीं हो जाता है, रामलला विराजमान इसी मंदिर में रहेंगे. पीएम मोदी के लॉकडाउन के ऐलान के कुछ घंटों बाद सीएम योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में पहुंचे. प्रधानमंत्री ने कोरोनावायरस के खतरे के देखते हुए देशभर में बुधवार से बंदी का ऐलान किया है. करीब 15-20 लोग इस दौरान मौजूद रहे. अयोध्या प्रशासन ने दो अप्रैल तक तीर्थस्थल में प्रवेश पर रोक लगा दी है.

इस दौरान, CM योगी आदित्यनाथ ने मंदिर के निर्माण के लिए 11 लाख रुपये का चेक भी दिया. योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- "अयोध्या करती है आह्वान… भव्य राम मंदिर के निर्माण का पहला चरण आज सम्पन्न हुआ, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम त्रिपाल से नए आसन पर विराजमान… मानस भवन के पास एक अस्थायी ढांचे में 'रामलला' की मूर्ति को स्थानांतरित किया. भव्य मंदिर के निर्माण हेतु ₹11 लाख का चेक भेंट किया."

कहा जा रहा था कि कोरोनावायरस के खतरे के बीच इस समारोह को टाला जा सकता है. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस कार्यक्रम में पहुंचने का फैसला किया. मौके से मिली तस्वीरों में देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री कई संतों की मौजूदगी में पूजा-पाठ करते हुए नजर आ रहे हैं. इस दौरान अयोध्या के डीएम और पुलिस प्रमुख समेत अन्य अधिकारी भी वहां उपस्थित रहे.

कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए पीएम मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि जनता ने कर्फ्यू को सफल बनाया है. ऐसा नहीं है कि जो देश प्रभावित हैं वह प्रयास नहीं कर रहे हैं और न ऐसा कि वहां संसाधनों की कमी है. इन देशों को दो महीने के अध्ययन से यही निष्कर्ष निकल रहा है कि एक मात्र ही रास्ता है सोशल डिस्टैसिंग यानी अपने घरों में बंद रहना इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है. कोरोना को लेकर ऐसी लापरवाही भारत को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.