चारों दोषियों को सुबह साढ़े 5 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और मर्डर के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को शुक्रवार सुबह फांसी पर लटका दिया गया. सात साल से ज्यादा लंबे समय के बाद आखिरकर निर्भया को इंसाफ मिल गया. कोर्ट की तरफ से मौत की सजा सुनाए जाने के बाद फांसी के लिए कई तारीखें तय हुईं, लेकिन दोषी कोई न कोई तिकड़म अपनाकर बच ही जाते थे. गुरुवार देर रात को भी दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मामले को लेकर सुनवाई चली और इनके सारे पैंतरे फेल हो गए. इसके बाद शुक्रवार सुबह साढ़े 5 बजे दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया. यह पहला मौका है जब तिहाड़ में चार अपराधियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया है.

निर्भया के दोषियों को फांसी के बाद निर्भया के पिता बद्रीनाथ ने कहा कि 'लड़ाई लंबी रही है, संतुष्ट हूं. समाज से नहीं सिस्टम से शिक़ायत है. बहुत लंबी लड़ाई लड़ी है. लोगों से यही कहूंगा कि बेटे और बेटी के बीच भेद न करें. मेरी बेटी ज़िंदा नहीं है पर मैने उसे बेटा ही माना. रात भर सुनवाई चली लेकिन हमें कोर्ट पर यकीन था. मैं संतुष्ट हूं. पर चैन से सो नहीं पाऊंगा, अब भी मूझे मेरी बेटी की सिंगापुर की तस्वीर याद है. बस कल्पना ही कर सकता हूं कि फ़ांसी पर वो कैसे लटके होंगे. मैं सबका धन्यवाद करता हूं.'

वहीं, सात साल बाद मिले इंसाफ के बाद निर्भया की मां के आंखे नम रही और उन्होंने कहा, ''आज का दिन हमारे बच्चियों के नाम, हमारे महिलाओं के लिए.. देर से ही लेकिन न्याय मिला.. हमारे न्यायिक व्यवस्था, अदालतों को धन्यवाद. जिस केस में जिस तरह से एक-एक पिटिशन डाली गई. हमारे कानून की कमियां सामने आई और आज उसी संविधान पर सवाल उठ गया था. लेकिन एक बार फिर हमारा विश्वास हमारे देश के बच्चियों को इंसाफ मिला. हमारे बच्ची इस दुनिया में नहीं आने वाली, निर्भया को इंसाफ मिला, लेकिन आगे भी इस लड़ाई को जारी रखेंगे. आगे भी लड़ते रहेंगे कि ताकि आगे कोई निर्भया केस न हो.''