नई दिल्ली: दिल्ली गैंगरेप के सभी चारों दोषियों को सुबह 5.30 बजे फांसी दी गई। फांसी से पहले पवन, मुकेश, अक्षय और विनय के चेहरे पर खौफ साफ तौर से नजर आ रहा था। दरअसल फांसी से एक रात पहले यानी गुरुवार को सभी दोषी तिहाड़ जेल में अपनी नींद भी ठीक से नहीं ले पा रहे थे, वो सोए नहीं। 19 मार्च, 2020 की रात दोषी मुकेश और विनय ने रात का खाना तक नहीं खाया। सुबह साढ़े तीन बजे जब सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज कर दी तब इनकी घबराहट खुलकर सामने आने लगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी से पहले होने वाली प्रक्रियाओं के तहत इन चारों को सुबह नए कपड़े पहनने के लिए दिये। इनमें से एक दोषी ने नए कपड़े पहनने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं। फांसी से चंद वक्त पहले जब जेल के सुरक्षा प्रहरी इन सभी को लेकर फांसीघर की तरफ जा रहे थे तब एक दोषी फांसी के लिए आगे नहीं आ रहा था।

यह दोषी घबरा कर फांसी घर में ही लेट गया। एक दोषी फांसी के लिए आगे नहीं जा रहा था, जिसके बाद फांसी घर में मौजूद लोग उसे जबरदस्ती आगे लेकर गए। फांसी से पहले 2 दोषियों ने अपने हाथ बंधवाने से भी इनकार कर दिया। फिर पुलिसवालों की मदद से इनके हाथ बांधे गए थे।