भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट के बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल से मिल कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दूंगा। बताया गया है कि कमलनाथ दोपहर 1 बजे गवर्नर से मिलेंगे। यानी अब मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत परीक्षण नहीं होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मध्य प्रदेश में 15 महीने की अपनी सरकार के काम गिनाए।

कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 15 महीनों में मेरा प्रयास था कि हम प्रदेश को नई दिशा दें, प्रदेश की तस्वीर बदलें। मेरा क्या कसूर था। इन 15 महीनों में मेरी क्या गलती थी। मेरे लगभग 40-45 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने विश्वास रखा। मुझे लगता है 5 साल का मौका दिया गया था प्रदेश को सही रास्ते पर लाने के लिए। लेकिन भाजपा ने साजिश कर साढ़े सात करोड़ लोगों के साथ विश्वासघात किया। लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की। जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी। इन्होंने करोड़ों खर्च कर खरीद-फरोख्त का खेल खेला है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले (19 मार्च 2020) को ही फ्लोर टेस्ट के नियम-निर्देश जारी करते हुए कहा था कि अदालत जल्द से जल्द बहुमत परीक्षण चाहती है, ताकि हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा न मिले। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पीकर के 22 में से सिर्फ 6 विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने के फैसले पर भी सवाल उठाए थे। इसके बाद गुरुवार को 16 अन्य बागी विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर कर लिए गए।