लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने फिर से बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि और तेज हवा के चलन से गेहूं, जौ, मटर, चना, मसूर और सरसों की फसल जमीनों पर गिरने से पूरी तरह बर्बाद हो गये हैं एवं आम की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है, आलू की फसल खेतों में अधिक पानी की वजह से सड़ रही है, जिसके चलते प्रदेश का किसान तबाही और बर्बादी के दौर से गुजर रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक पखवारे में इस तीसरी बरसात में हमारे उ0प्र0 के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है किन्तु प्रदेश सरकार ने अभी तक प्रदेश के किसानों के लिए किसी भी प्रकार की समुचित राहत की घोषणा न करके केवल नुकसान हुई फसलों का आंकलन कराने का शोशा छोड़ रही है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के राहत-आपदा कमेटी ने विभिन्न जनपदों का दौरा करने के बाद जो रिपोर्ट मुझे सौंपी है उससे 40 से 55 प्रतिशत के बीच फसलों के पूरी तरह बर्बाद होने की बात सामने आयी है। तैयार फसलों की इस प्रकार की बर्बादी से किसान सदमें में आ गये हैं। ऐसे में सरकार को ऐसी प्राकृतिक आपदा के चलते हुई भयावहता की स्थिति से निपटने के लिए फौरन प्रदेश के किसानों की बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे का ऐलान करना चाहिए और किसानो को यह भरोसा दिलाना चाहिए कि उन्हें किसी भी स्थिति में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा, उनके हर प्रकार के नुकसान की भरपायी सरकार करेगी। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अभी तक इस प्रकार की किसी समुचित राहत पैकेज की घोषणा नहीं की है। समाचारपत्रों में छपी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री जी ने बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे के रूप में मात्र 20 करोड़ रूपये की धनराशि की घोषणा की है जो कि नुकसान के मुकाबले ‘ऊँट के मुंह में जीरा’’ के समान है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दुबारा हुई असमय वर्षा, ओलावृष्टि एवं तेज हवाओं के चलते हुई फसलों के नुकसान के आंकलन के लिए किसान कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ जिला कांग्रेस कमेटियों द्वारा प्रदेश में तहसीलवार हुए नुकसान का ब्यौरा शीघ्र तैयार करने का निर्देश दिया है, ताकि किसानों के हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट सरकार के सामने रखकर उसके समाधान के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा सके।