नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के लिए सियासी संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है। यह फैसला उन्होंने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद किया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। सिंधिया के इस फैसले से कमलनाथ सरकार भी जाती नजर आ रही है। फिलहाल सीएम कमलनाथ ने भोपाल में पार्टी नेताओं के साथ इमरजेंसी बैठक बुलाई है।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके 27 समर्थक विधायकों के मोबाइल फोन अचानक बंद होने के बाद बुलाई गई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सोमवार देर रात को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मध्यप्रदेश की मंत्रिमंडल में कुल 28 मंत्री हैं। बताया जा रहा है कि करीब आठ मंत्री सिंधिया के समर्थक हैं जो इस बैठक में मौजूद नहीं थे। उनके इस्तीफे आने बाकी हैं।

इस्तीफा देने के बाद बैठक से बाहर निकलते समय मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने बताया, ‘‘मंत्रिमंडल की बैठक में हमने मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिये हैं। अब कमलनाथ नये सिरे से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं।’’

वहीं, इस्तीफा देने वाले एक अन्य मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘अभी-अभी हमने मंत्रिमंडल बैठक में मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंपे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 20 मंत्रियों ने इस्तीफे दिए हैं।’’ वर्मा ने बताया, ‘‘मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए ये इस्तीफे दिये हैं।’’ उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री अपने विवेक से मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इसी बीच, जनसंपर्क मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले पी सी शर्मा ने बताया, ‘‘कांग्रेस सरकार पूरे पांच साल चलेगी और हमारी सरकार को कोई संकट नहीं है।’’ इन मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने का अनुरोध किया है।