कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में अलग वार्ड में रखे गए एक मधुमेह रोगी की मौत हो गई है। दरअसल,सऊदी अरब से लौटने के एक दिन पहले ही इस शख्स में कोरोना वायरस के लक्षण देखे गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें फीवर और खांसी-जुकाम था। हालांकि, कोरोना से जुड़े उनके टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई थी।

बता दें कि देशभर में कोरोना की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकारें अलर्ट हैं।

उधर, हेल्थ सर्विस डायरेक्टर अजय चक्रवर्ती का कहना है कि हो सकता है कि जैनरुल हक की मधुमेह से ही मौत हुई हो। उन्होंने कहा, 'वे हाई डायबिटीज के रोगी थी और इंसुलिन पर थे। वह सऊदी से लौटे थे और तीन-चार दिन से उनके पास इंसुलिन के पैसे नहीं थे।

उन्होंने बताया, 'उन्हें फीवर और खांसी-सर्दी थी। उन्हें कल मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में अलग वार्ड में रखा गया था और आज उनकी मौत हो गई। हम उनके मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। नोवेल कोरोना वायरस से उनकी मौत की संभावना दूर-दूर तक नहीं लग रही है।'

हालांकि, हक के अंतिम संस्कार के दौरान अहतियात बरते जाएंगे जैसा निर्देश केंद्र व राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के मृतकों को लेकर जारी किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'परिवार के सदस्यों को शव नहीं छूने दिए जाएंगे क्योंकि उन्हें खासी थी और सांस लेने की समस्या थी। जो उनका अंतिम संस्कार करेगा उन्हें प्रोटेक्टिव गियर, मास्क और ग्लव्स लगाने होंगे। हालांकि, टेस्ट रिपोर्ट नहीं आया है, लेकिन हम कोई चांस लेना नहीं चाहते।'