नहीं मिले हरियाणा सीएम खट्टर की नागरिकता के दस्तावेज, आरटीआई से हुआ खुलासा
नई दिल्ली: सूचना का अधिकार (आरटीआई) की एक रिपोर्ट में पाया गया है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास नागरिकता से जुड़े दस्तावेज नहीं हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों और राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के पास भी नागरिकता से जुड़े दस्तावेज नहीं हैं। ये आरटीआई पानीपत के रहने वाले एक्टिविस्ट पी.पी. कपूर ने दाखिल की थी।

कपूर द्वारा दाखिल की गई आरटीआई में हरियाणा की पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर पूनम राठी ने इस संबंध में उनके पास जानकारी नहीं होने की बात कही। आरटीआई में कहा गया है कि उनके नागरिकता संबंधी दस्तावेज चुनाव आयोग के पास हो सकते हैं। उनके रिकॉर्ड में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जवाब में कहा गया है कि आपको सूचित किया जाता है कि मुख्यमंत्री सचिवालय शाखा के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। आपके द्वारा मांगी गई जानकारी निर्वाचन आयोग के पास उपलब्ध हो सकती है। अत: आप संबंधित जानकारी के लिए निर्वाचन आयोग से पत्राचार करें।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर पिछले कुछ महीनों से लोग सड़कों पर हैं। पूर्व उत्तर दिल्ली में इसके चलते हिंसा भी देखने को मिली थी। भारतीय जनता पार्टी के कई नेता पूरे देश में एनआरसी लागू करने की बात कह चुके हैं। ऐसा ही एक बयान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी दिया था। खत्तर ने विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि वह अवैध प्रवासियों को हरियाणा से निकालने के लिए राज्य में एनआरसी लागू करेंगे।

हालांकि, मोदी सरकार ने इसको लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों पर कहा कि अभी एनआरसी के संदर्भ में कोई प्रस्ताव नहीं आया है, लेकिन विपक्ष गृहमंत्री अमित शाह के संसद में दिए बयान का हवाला देते हुए लगातार हमलावर रहा है। वहीं, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है जबकि इसके खिलाफ कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन भी हो रहा है।