लखनऊ: दरगाह व ख़ानक़ाह ख्वाजा मुहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ़ दादा मियां मॉल एवेन्यू, लखनऊ में हिन्दल वली अताये रसूल ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ग़रीब नवाज़ रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के 808 वें उर्स मुबारक का क़ुल शरीफ़ निहायत ही शानो शौक़त के साथ मनाया गया। जिसमे शहर के कई जगहों से आये हुए मेहमान हज़रात ने शिरक़त की और कुल शरीफ़ के ज़रिए ग़रीब नवाज़ की बारगाह में अपनी अपनी हाज़िरी पेश की।

ग़रीब नवाज़ के उर्स के मौके पर लोग ख़ानक़ाहों में मदरसों में व घरों में कुल शरीफ का आयोजन करके गरीब नवाज़ के चाहने वाले लोग अपनी अपनी अक़ीदत का इज़हार करते हैं और उनके फैज़ान से मालामाल होते हैं। ख़ानक़ाह व दरगाह शाहे रज़ा में यह परंपरा दशकों से चली आ रही है। हर साल आपके उर्स के मौके पर दरगाह शरीफ़ पर क़ुरआन ख़्वानी हलक़ये ज़िक्र महफिले रंग व लंगर का एहतेमाम होता है। लंगर में खुसूसी तौर से दलिये का एहतेमाम किया जाता है इसकी वजह यह है कि ख़ुद ग़रीब नवाज़ अपने वक़्त में मेहमानों के लिए दलिये का एहतेमाम किया करते थे। जिसमें बिल तफरीक हर मज़हब व मिल्लत के लोग शरीक़ हो कर बुज़ुर्गों के फैज़ान से मुस्तफीज़ होते हैं।