दोहा: एक वर्ष की लंबी वार्ता के बाद अंततः शनिवार को अमरीका तथा तालेबान के बीच शांति समझौता हो गया। अफ़ग़ानिस्तान के मामले में अमरीका के विशेष दूत ज़लमै ख़लीलज़ाद और तालेबान के राजनीतिक मामलों के प्रभारी मुल्ला ग़नी बरादर ने शनिवार 29 फरवरी को क़तर की राजधानी दोहा में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।

इस शांति समझौते के आधार पर तालेबान की ओर से हिंसा रोकने की स्थिति में अमरीका, अगले 14 महीनों के भीतर अपने सैनिकों को अफ़ग़ानिस्तान से वापस बुला लेगा। अमरीका तथा तालेबान के बीच हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर समारोह में अमरीका के विदेशमंत्री पोम्पियो ने कहा कि अगर तालेबान अपने वचनों के प्रति वचनबद्ध नहीं रहते तो वाशिग्टन इस समझौते को निरस्त कर देगा।

ज्ञात रहे कि अमरीका के साथ तालेबान का यह समझौता एसी स्थिति में हुआ है कि जब अफ़ग़ानिस्तान के संबन्ध में अमरीकी कार्यवाहियां सदैव ही अफ़ग़ानी जनता के लिए परेशानियों का कारण रही हैं। अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति में अफ़ग़ानिस्तान अधिक अशांत हुआ है।