नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद अब मेघालय में हालात बिगड़ते दिख रहे हैं। मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में सीएए और इनर लाइन परमिट (आईएलपी) पर एक बैठक के दौरान केएसयू सदस्यों और गैर आदिवासियों के बीच झड़प हो गई। जिसके बाद शिलॉन्ग में कर्फ्यू लगा दिया गया था और छह जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। इस झड़प में एक व्यक्ति मारा गया है। यह बैठक शुक्रवार को भारत-बांग्लादेश सीमा के समीप स्थित जिले के इचामति इलाके में हुई थी।

ताजा मिली जानकारी के अनुसार शिलॉन्ग में लगाया गया कर्फ्यू हटा दिया गया है लेकिन छह जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक जारी है। अधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू खत्म होने के बाद भी शहर में ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सीएए विरोधी और आईएलपी के समर्थन में हुई बैठक के दौरान खासी स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों और गैर आदिवासियों के बीच झड़प हो गई। उन्होंने बताया कि झड़पों के बाद शिलॉन्ग और आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया और राज्य के छह जिलों ईस्ट जयंतिया हिल्स, वेस्ट जयंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री भोई, ईस्ट खासी हिल्स और साऊथ वेस्ट खासी हिल्स में शुक्रवार रात से 48 घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई। अधिकारियों ने बताया कि एसएमएस भेजने की सीमा प्रति दिन पांच तक दी गई है।

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मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं मेघालय में सभी नागरिकों आदिवासी या गैर आदिवासियों से शांत रहने की अपील करता हूं। अफवाहें न फैलाएं और उन पर ध्यान न दें। मुख्यमंत्री ने मुझसे बात की है। उन्होंने मुझे आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। अब सबसे बड़ी जरूरत कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखना है।”