मेरठ: पराक्रम की भूमि रही मेरठ ने कई वीर दिए, जिन्होंने मेरठ को अपने बहादुरी से अगल पहचान दिलाई, वहीं दूसरी ओर ज्ञानपठता में भी इस शहर की अपनी पहचान हुई, बहुत सारे लेखकों ने अपने ज्ञान के सागर से साहित्य का रुप दिया। जिसकी वजह से मेरठ हमेशा से साहित्यिक धरोभूमि के रुप में जाना जाता रहा है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए मेरठ निवासी राहुल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित पहली चित्रात्मक बायोग्राफी टर्बुलेंस एंड ट्रंफ द मोदी इयर्स लिखी है। राहुल अग्रवाल का कहना है कि यह पुस्तक मेरठ के साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाने का छोटा सा प्रयत्न है। अभी हाल ही में देश के उपराष्ट्रपति श्री वैकेया नायडू जी ने उनकी पुस्तक टर्बुलेंस एंड ट्रंफ द मोदी इयर्स का विमोचन किया।

मेरठ के मूलनिवासी राहुल अग्रवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्त्वि से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने पहली बार किसी प्रधानमंत्री के उपर चित्रात्मक बायोग्राफी लिखी गई, इस बायोग्राफी में ज्यादातर प्रधानमंत्री के अनछूए पहलुओं के चित्रात्मक वर्णन किए गए हैं। एक पत्रकार के रुप राहुल अग्रवाल ने मेरठ से ही पत्रकारिता की शुरुआत की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके इस मार्ग में कठिनाइयों के साथ रोचकता भी रही। उन्होंने बतौर पत्रकार कई मीडिया संस्थाओं में कार्यरत रहे।

इस चित्रात्मक बायोग्राफी के बारे में अपने अनुभव को साझा करते हुए लेखक राहुल अग्रवाल ने कहा कि, इस बायोग्राफी शुरुआत 2015 में हुई। गुजरात के अहमदाबाद जिले से आगाज किया। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बड़े भाई से मिले, लेकिन पहले उनके भाई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वो थोड़ा असहज महसूस कर रहे थे। बाद में नरेन्द्र मोदी के बचपन से जुड़ी कहनियों को साझा किया। इसके बाद उनके दोस्तों और आरएसएस के लोगों ने नरेन्द्र मोदी के अनछुए पहलुओं को भावपूर्ण तरीके से बताया।

उन्होंने आगे बताया कि उनका मेरठ से गहरा नाता रहा है। वह शहर के प्रसिद्ध स्कूल सेंट मेरी से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ग्रहण की और स्नातक मेरठ यूनिवर्सिटी से किया। यह उनके जीवन की पहली पुस्तक है। उनकी आगे की सोच है कि वह समाज व प्ररेणादायी लोगों से जुड़े पहलुओं को उजागर करने के लिए पुस्तकें लिखेंगे। इस पहली पुस्तक की प्रेरणा उनके माता-पिता और पत्नी हैं।

वहीं 2005 में लेखक राहुल अग्रवाल को सीएनएन यंग जर्नलिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उसी वर्ष सीएनएन प्रोग्राम के तहत राहुल अग्रवाल कुछ चंद युवा पत्रकारों में शामिल थे जिन्हें अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री जॉर्ज बुश का व्हाइट हाउस में साक्षात्कार लेने का मौका मिला था।