नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या गुरुवार को 32 तक पहुंच गई है। इसमें जीटीबी अस्पताल में 30 मरीजों की मौत हुई है तो लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में दो लोगों की मौत हुई है। गुरुवार सुबह हिंसा प्रभावित इलाकों मं शांति का माहौल है। वहीं बुधवार को एक-दो जगहों पर दो पक्षों में हिंसा की घटनाएं सामने आई थी, लेकिन उसे तुरंत नियंत्रित कर लिया गया।

बुधवार को भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी हिंसा वाले इलाके का दौरा कर हालात का जायजा लिया था। भारी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैनिक बल की तैनाती के कारण बुधवार को उपद्रवी गायब नजर आए। हिंसा से मरने वालों की संख्या बुधवार को 28 पहुंच गई, जबकि करीब 250 घायलों को उपचार के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां 30 से अधिक की हालत नाजुक बताई जा रही है।

करावल नगर में बुधवार सुबह उपद्रवियों ने एक दुकान और कार में आग लगा दी। सूचना मिलते ही सुरक्षा बल के जवान मौके पर पहुंचे और हालात को काबू कर लिया। वहीं, घोंडा में भी टकराव का मौहाल बना, लेकिन सुरक्षा बल ने तुरंत काबू कर लिया। हिंसा वाले इलाके में बुधवार को कर्फ्यू जैसे हालात थे। सड़क पर किसी को भी निकलने ही इजाजत नहीं थी। जाफराबाद, मौजपुर, कर्दमपुरी, करावल नगर, शिव विहार, घोंडा, ब्रह्मपुरी रोड, नूरे इलाही चौक और यमुना विहार विहार में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।

उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले तीन दिन के अंदर हिंसा के दौरान करीब 800 से अधिक मकानों, दुकानों, स्कूल, फैक्टरियां और वाहनों को आग के हवाले किया गया है। मंगलवार रात को सबसे ज्यादा हिंसा शिव विहार, चमन पार्क और बृजपुरी रोड पर हुई। पथराव और फायरिंग कर सैकड़ों मकानों, दुकानों और वाहनों में आग लगाई गई।