नई दिल्ली: झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में सोमवार (17 फरवरी) को विलय कर लिया। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में झाविमो के दो विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कांग्रेस का दामन थामने वाले विधायकों में प्रदीप यादव और बिन्धू तिर्की शामिल हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में प्रदीप यादव और बिन्धू तिर्की कांग्रेस में शामिल हो गए। इस दौरान कांग्रेस के कद्दावर नेता रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद थे। बता दें, झाविमो ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में आठ सीटें जीती थीं और उनमें से छह विधायक दलबदल कर बीजेपी में शामिल हो गए।

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर से अकेले चुनाव लड़ कर झाविमो ने तीन सीटें जीतीं लेकिन हाल में पार्टी विरोधी कार्यों के आरोप में उनमें से दो विधायकों प्रदीप यादव एवं बंधू तिर्की को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। अब विधानसभा में पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ही झाविमो के अकेले विधायक शेष रह गए।

इससे पहले झारखंड में एक विशाल सम्मेलन में झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया। बाबूलाल मरांडी नये झारखंड राज्य के गठन के बाद नवंबर 2000 से मार्च 2003 तक राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे थे। कुछ व्यक्तिगत कारणों से उनका पार्टी से वैमनस्य हो गया और 2006 में उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा नामक नयी पार्टी का गठन कर लिया।

बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के भाजपा में विलय के बाद कहा कि यह विलय वास्तव में मरांडी का पुनः गृह प्रवेश है। केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने बाबूलाल मरांडी का उनकी समस्त पार्टी के साथ भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि बिना सत्ता के कैसे लंबे समय तक समाज में काम किया जा सकता है, यह बाबूलाल मरांडी से सीखा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मरांडी को मैंने कभी बीजेपी से बाहर का नहीं माना। 2014 में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से ही उन्हें भाजाा में वापस लाने का प्रयास कर रहा था। लेकिन, मरांडी बहुत जिद्दी है, इस वजह से उनकी वापसी में देरी हुई। बाबूलाल मरांडी आप घर वापस आये हैं। आज मैं बहुत प्रसन्न हूं। आपको यहां कभी बाहरी होने का एहसास नहीं होगा।