कोलकाता: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बंगाल में मिली सफलता को लेकर सचेत ममता बनर्जी बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पांव जमाने नहीं देना चाहती हैं। खबर है कि ममता बनर्जी बंगाल का विधानसभा चुनाव ‘ममता दीदी’ के तौर पर नहीं बल्कि बंगाल की माटी की बेटी बनकर लड़ने के मूड में हैं। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी की कई बैठक भी हुई है और दोनों इस संदर्भ में रणनीति भी बना रहे हैं।

बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस 2 मार्च को अपने चुनावी अभियान का आगाज करेगी। इस दौरान ममता को बंगाल की बेटी और मोदी-शाह की जोड़ी को बाहरी बताने का प्लान है। प्रशांत किशोर की टीम इसके लिए नारे गढ़ रही है और थीम सॉन्ग भी कंपोज किया गया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का भाई और बेटा वाला फॉर्मूला हिट रहा था। यही वजह हैं कि ममता बनर्जी बंगाल के चुनाव में खुद को बंगाल की बेटी के तौर पर स्थापित कर चुनाव लड़ना चाहती हैं और बाजी मारना चाहती हैं। ममता बनर्जी के लिए वाम दल और कांग्रेस ज्यादा बड़ी चुनौती नहीं है लेकिन बीजेपी की ध्रुवीकरण की राजनीति से लोहा लेने के लिए ममता बनर्जी को सधे हुए कदम उठाने होंगे। राजनीतिक पंडित मानते हैं कि बंगाल की आबाधी 30 प्रतिशत मुस्लिम है ऐसे में बीजेपी हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण कर वोट बैंक सुरक्षित करने के फिराक में जरूर रहेगी।

ममता बनर्जी के लिए बंगाल प्रतिष्ठा की लड़ाई है।ममता किसी भी सूरत में बंगाल को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती हैं, अगर ममता बनर्जी बंगाल में हार जाती हैं तो उनकी राजनीतिक वर्चस्व पर सवाल उठेंगे, वहीं कई बड़े राज्यों में प्रशांत किशोर ने कई पार्टियों को चुनाव जिताया है और बंगाल की लड़ाई उनके लिए थोड़ी मुश्किल होगी। यही वजह है कि दोनों मिलकर बंगाल में भाजपा को पटकने के लिए पूरी तैयारी में हैं।