नई दिल्ली: केंद्र सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण राज्यों को राजस्व में हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए जल्द 35,000 करोड़ रुपये जारी करेगी। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। जीएसटी के तहत राज्यों को राजस्व में 14 प्रतिशत की वृद्धि नहीं हो पाने की स्थिति में पांच साल तक मुआवजा देने व्यवस्था है।

केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच 2017-18, 2018-19 तथा चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों तक मुआवजे को लेकर किसी तरह विवाद नहीं हुआ था। हालांकि, उपकर से प्राप्त राजस्व कम रहने की वजह से केंद्र सरकार ने अगस्त से राज्यों को मुआवजे का हस्तांतरण रोक दिया है। इसके बाद राज्यों ने केंद्र के समक्ष यह मुद्दा उठाना शुरू कर दिया था।

केंद्र सरकार ने अगस्त-सितंबर के लिये दिसंबर 2019 में 35,298 करोड़ रुपये जारी किये थे। एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हम जल्दी ही भारत के समेकित कोष (सीएफआई) से मुआवजा मद में दो खेप में 35,000 करोड़ रुपये की एक और किस्त जारी करेंगे।

पहली किस्त अक्टूबर-नवंबर के लिये होगी।’’ अधिकारी ने कहा कि 2017-18 और 2018-19 में मुआवजा उपकर से प्राप्त अतिरिक्त राजस्व को सीएफआई में जमा कर दिया गया था। अब इन्हें मुआवजा कोष में हस्तांतरित किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा था कि जीएसटी मुआवजा कोष की राशि का दो किस्तों में हस्तांतरण किया जाएगा।