नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्या केस पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फिलहाल चारों दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने से किया इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, ऐसे में हम कोई फैसला नहीं सुना सकते। पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा है कि दोषियों के पास 11 फरवरी तक का वक्त है, किसी तरह के कानूनी विकल्पों को आजमाने के लिए। कोर्ट ने कहा है कि फांसी की सजा अकेले देने के आधार पर डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता।

बता दें कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी करने की मांग थी। जिसपर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच फरवरी के उस आदेश पर गौर किया, जिसमें चारों दोषियों को एक सप्ताह के भीतर कानूनी उपचार का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। अदालत ने कहा, ‘‘ जब दोषियों को कानून जीवित रहने की इजाजत देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है। उच्च न्यायालय ने पांच फरवरी को न्याय के हित में दोषियों को इस आदेश के एक सप्ताह के अंदर अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी।’’