HAL को LUH के लिया मिला IOC से क्लीयरेंस

लखनऊ: भारत और रूस ने अक्टूबर 2016 में भारत में हेलीकॉप्टरों के निर्माण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस की रक्षा क्षेत्र की दो प्रमुख कंपनियों के बीच संयुक्त उद्यम के लिए समझौता किया।

इंडो-रशियन हेलीकॉप्टर्स लिमिटेड के सीईओ एन. एम. श्रीनाथ ने कहा, ‘‘अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो हेलीकॉप्टरों की पहली खेप कर्नाटक के तुमकुर से 2025 तक उपलब्ध हो जाएगी।’’ संयुक्त उद्यम के तहत 200 कामोव 226टी हेलीकॉप्टरों का निर्माण किया जाना है।

भारत अपने पुराने चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के स्थान पर कामोव हेलीकॉप्टरों को खरीद रहा है। कामोव का-226टी हेलीकॉप्टर में 72 प्रतिशत हिस्सा रूस का है और 28 प्रतिशत विभिन्न पश्चिमी देशों का। श्रीनाथ ने बताया कि हेलीकॉप्टर में भारतीय मूल के घटकों का प्रतिशत करीब 40 प्रतिशत रहेगा।

हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को शुक्रवार को डिफेंस एक्सपो में अपने लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) के लिये इनीशियल आपरेशनल क्लीयरेंस (आईओसी) प्राप्त हो गया। इससे एलयूएच के उत्पादन का रास्ता साफ हो गया है।

एचएएल के मुख्य प्रबन्ध निदेशक आर. माधवन ने यह आईओसी दस्तावेज डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी के हाथों प्राप्त किया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

माधवन ने कहा कि ‘‘यह एचएएल के लिये यादगार लम्हा है। यह स्व-निर्भरता पर स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास (आर एण्ड डी) कार्यक्रमों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा और भारतीय सशस्त्र बलों के परिचालन प्रभाव को बढ़ाएगा। एचएएल तयशुदा समय-सीमा में अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।’’

एचएएल के आर एण्ड डी विभाग के निदेशक अरूप चटर्जी ने कहा कि लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर की मूलभूत विशेषताओं का प्रदर्शन हर भौगोलिक स्थितियों और सभी मौसमी परिस्थितियों में संतोषजनक है। लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर एक हल्का और फुर्तीला हेलीकॉप्टर है। इस देश में ही डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि भारतीय सेना और वायुसेना की संचालनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। एलयूएच जल्द ही चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों के पुराने बेड़े की जगह लेगा।