उद्यमिता शिक्षा, अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं संस्थागत निर्माण के लिए प्रख्यात राष्ट्रीय संसाधन संस्थान एंटरेप्रेन्यूरशिप डेवलपमेन्ट आॅफ इण्डिया (EDII) अंतर्गत 32,900 से अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया है। संस्थान ने वंचित समुदायों में उद्यमिता के व्यवहारिक अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रोग्राम का डिज़ाइन और परिकल्पना तैयार की है। इस प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित लाभार्थियों द्वारा तकरीबन 21,900 उद्यम स्थापित किए गए। प्रशिक्षण का संचालन 2015-16 से 2019-20 के दौरान तमिनाडू, केरल, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गोवा, उत्तराखण्ड, आसाम और पुडेचेरी में किया गया। डाॅ रमन गुजराल, प्रोफेसर एवं हैड-दक्षिणी क्षेत्र, ईडीआईआई ने कहा, ‘‘एमएसडीपी को एक महीने के प्रशिक्षण प्रोग्राम के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जहां प्रतिभागियों को ऐसे कौशल और उद्यमिता पर प्रशिक्षण दिया जाता है जो आर्थिक रूप से व्यवहारिक हो। ईडीआईआई ने उन्हें टेकनिकल सपोर्ट, गुणवत्ता प्रबंधन, पैकेजिंग के मानकों, लाइसेंस, प्रमाणीकरण और पंजीकरण, प्रोडक्ट टेस्टिंग और मार्केट लिंकेज में सहायता प्रदान की है। इससे उद्यमियों को अपनी शुरूआती यात्रा के दौरान आत्मविश्वास मिलता है और वे स्थयी एवं सफल उद्यमियों के रूप में विकसित हो पाते हैं।’’ एमएसडीपी के उद्यमिता पाठ्यक्रम में कई पहलू शामिल हैं जैसे उद्यमिता दक्षता का विकास, उद्यम की शुरूआत के लिए ज़रूरी कदम, बिज़नेस आइडिया/ कारोबार के अवसरों की पहचान, बाज़ार अनुसंधान, कारोबार की योजना, उद्यमी के लिए योजना के बारे में जानकारी, लेखा-जोखा, छोटे कारोबारों का प्रबंधन आदि। ‘‘उद्यम स्थानीय क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न कर रहे हैं और अधिक से अधिक संख्या में लोगों को कौशल प्रदान कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। ईडीआईआई ने पाया है कि एक सूक्ष्म- उद्यम नौकरियों के औसतन तीन प्रत्यक्ष और पंाच अप्रत्यक्ष अवसर उत्पन्न करता है। एमएसडीपी ने उद्यमों के माध्यम से लगभग 60,000 स्थानीय प्रत्यक्ष रोज़गार उत्पन्न किए हैं।’’ डाॅ गुजराल ने कहा।