नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, सरकार ने नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजंस को देश भर में लागू करने का फैसले पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। एनआरसी के मुद्दे पर गृह मंत्रालय की यह पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया है। लोकसभा में गृहमंत्रालय के एमओएस नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में यह सूचित किया।

लोकसभा में सांसद चंदन सिंह, नागेश्वर राव ने गृह मंत्रालय से एनआरसी लागू करने और इसके लिए उठाए जा रहे सरकार कदम की जानकारी की मांग की थी। सांसदों ने यह भी पूछा था कि क्या राज्य सरकारों से इस बारे में चर्चा की गई है?

पहले इन प्रश्नों का जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देने वाले थे, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चले वे अपना बयान नहीं दे सके। इसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर गृह मंत्रालय की तरफ से जवाब सदन के पटल पर रख दिया।

विपक्ष और के साथ बीजेपी के कुछ सहयोगी दलों ने भी प्रस्तावित एनआरसी प्रक्रिया का विरोध किया था। इस मसले पर कयास तब लगने शुरू हुए जब कई बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार क्रमानुसार सीएए और एनआरसी लाएगी।

हालांकि अपनी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इस मुद्दे पर उपजी आशंकाओं को दूर करने का भरसक प्रयास किया है। एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया था कि देशव्यापी एनआरसी का अभी सरकार का कोई इरादा नहीं है। लेकिन इस पर स्पष्टता न होने से विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर था।

असम में एनआरसी अपडेशन की प्रक्रिया वहां रह रहे ‘अवैध आप्रवासियों’ की पहचान स्पष्ट करने के लिए हुई थी। असम एनआरसी का अंतिम मसौदा, पिछले साल 31 जुलाई को प्रकाशित किया गया था। इस प्रक्रिया में 19.06 लाख से अधिक लोग एनआरसी सूची से बाहर रह गए थे। अब उन्हें यह साबित करना है कि वे भारतीय नागरिक हैं।