श्रेणियाँ: लखनऊ

वेतन समझौते की बात पर घाटे का रोना रोने लगती है सरकार: कॉम. के.के.सिंह

राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन बैंककर्मियों ने किया जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ। भारतीय बैंक संघ तथा केन्द्र सरकार की हठधर्मिता के कारण आज दूसरे दिन भी यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के आवाह्न पर बैंककर्मियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल जारी रही। हड़ताल के चलते सभी सरकारी बैंको के शाखाओं एवं कार्यालयों में ताले लगे रहे। आनलाइन बैंकिग भी नेटवर्क समस्या के कारण लोगो को दिनभर रूलाता रहा। हड़ताल के कारण पेन्शनधारकों, वेतनभोगियों एवं आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा। शाखाओं में जमा व निकासी, एफ.डी.रिन्यू, ऋण सम्बन्धी कार्य, सरकारी खजाने से जुड़े एवं व्यापार से जुडे़ कामों पर भारी असर पड़ा। अनेक एटीएम मशीने कैशलेश हो गई।

देशव्यापी बैंक हड़ताल के दूसरे दिन इलाहाबाद बैंक मुख्य शाखा में सभा को सम्बोंधित करते हुये एन.सी.बी.ई. तथा स्टेट बैंक स्टाफ एसो0 के महामंत्री काम0 के.के.सिंह ने कहा कि- ‘‘जब भी वेतन समझौते की बात आती है, तब सरकार बैंको में घाटे की बात कहकर पल्ला झाड़ लेती है। जबकि 85 फीसदी तो कारपोरेट ऋण है। अब आईबीए ने 27 माह से अधिक बीत जाने पर 15 प्रतिशत का प्रस्ताव दिया है पर हमें 20 प्रतिशत से कम वेतनवृद्वि स्वीकार ही नहीं है। अतः हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। अब हम दूूसरे चरण में 11, 12 तथा 13 मार्च को तीन दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर जायेंगे और उस पर भी हमारा सम्मानजतनक वेतन समझौता नहीं होता है तो 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे। श्री सिंह ने आगे बताया हमारे 12 सूत्रीय मांगपत्र में मुख्य मांगे 20 प्रतिशत वेतनवृद्वि, 5 दिवसीय बैंकिंग, स्पेशल भत्ता को बेसिक वेतन में जोड़ना, पुरानी पेन्शन योजना लागू करना, पेंशन अपडेशन, पारिवारिक पेंशन मे वृद्धि आदि प्रमुख माँगें सम्मिलित हैं।

आईबाॅक के प्रदेश महासचिव काम0 दिलीप चौहान ने सभा में बताया कि पिछले दो-तीन वर्ष से बैंककर्मियों ने जन-धन योजना, नोटबन्दी, मुद्रा योजना, अटल पेंशन योजना समेत अन्य योजनाओं को सुचारू रूप से चलाने में बड़ी भूमिका निभाई है। बैंकों के बढ़ते हुए एनपीए व अशोध्य ऋणों के चलते बैंककर्मियों की मेहनत से कमाये मुनाफे का एक बडा हिस्सा डूबे हुए ऋण (एनपीए) हेतु प्रावधानों में बर्बाद किया जा रहा है। परन्तु 20 फीसदी वेतनवृद्वि पर आई.बी.ए. अपनी हठधर्मिता बनाये है। इलाहाबाद बैंक कर्मचारी संघ के मंत्री दीपू बाजपेई ने बताया-‘‘आज कई केन्द्रीय सेवाओं के कर्मचारियों का वेतनमान बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों से कही ज्यादा है परन्तु अत्यधिक जिम्मेदारी की डयूटी के बावजूद बैंककर्मियों को उचित वेतनवृद्धि हेतु केन्द्र सरकार व आईबीए का नजरिया संकीर्ण है।

का0 अखिलेश मोहन ने सभा की अध्यक्षता करते हुये कहा-‘‘बैंकिग कारोबार में भारी वृद्धि के कारण बैंककर्मियों पर कार्य-बोझ बहुत बढ़ गया है ऐसे में बैंककर्मियों का वेतनवृद्धि न सिर्फ आवश्यक है बल्कि लाभ कमा कर दे रहे बैंककर्मियों का यह अधिकार भी है। उन्होंने सम्मानजनक वेतनवृद्वि न होने पर बैंककर्मियों को लम्बे संघर्ष के लिये तैयार रहने का आवाह्न किया। यू.एफ.बी.यू. के प्रदेश संयोजक कामरेड वाई.के.अरोड़ा ने कहा-’’आज बैंकों के कुप्रबन्धन के चलते एक के बाद एक घोटाले उजागर हो रहे हैं, इस स्थिति के लिये बैंककर्मी नहीं बल्कि बैंकों का उच्च प्रबन्धन एवं राजनीतिक दबाव जिम्मेदार है।’’

फोरम के जिला संयोजक अनिल श्रीवास्तव ने बताया यदि बैंककर्मियों की देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल से भी केन्द्र सरकार तथा आई.बी.ए. अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ते है, तो सार्वजनिकक्षेत्र के सभी अधिकारी व कर्मचारी 11 से 13 मार्च को तथा उसके बाद 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार है। सभा को रामनाथ शुक्ला, एस.डी.मिश्र, पवन कुमार, के.के.सिंह, दिलीप चैहान, एस.के.संगतानी, डी.पी.वर्मा, अनिल श्रीवास्तव, दीप बाजपेई, करूणेश शुक्ला, वी.के. सेंगर, वी.के.सिंह, अखिलेश मोहन, यू.पी.दुबे, राजेश शुक्ला आदि बैंक नेताओं ने बैंककर्मियों को बधाई देते हुये कहा इसी प्रकार एकता से संगठन से जुडे़ रहकर लम्बे संघर्ष हेतु तैयार रहें।

मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी ने बताया कि विभिन्न स्रोतो की जानकारी के अनुसार दो दिनों की हड़ताल से लखनऊ में लगभग 5000 करोड़ तथा प्रदेश में 60000 करोड़ का लेनदेन प्रभावित रहा। हड़ताल के दोनो दिन सरकारी बैंको के लखनऊ जिले की 905 शाखाओं के दस हजार बैंककर्मी तथा प्रदेश की 14000 शाखाओं के दो लाख बैंककर्मी शामिल रहें। लखनऊ में 990 एवं प्रदेश के 12000 ए.टी.एम. मशीनों में से कई मशीनों में कैश समाप्त होने से लोग अपना पैसा नहीं निकाल सके।

Share

हाल की खबर

मोदी जी की भाषा हार स्वीकार कर लेने वाली है: शाहनवाज़ आलम

फतेहपुर सीकरी, आगरा, 28 अप्रैल 2024. कमज़ोर तबकों के सामने संविधान बचाने का आख़िरी मौक़ा…

अप्रैल 28, 2024

मोहसिना की कोठी क्या तनुज की राह करेगी आसान, क्या टोटका करेगा काम?

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। मोहसिना क़िदवई, राजनीतिक गलियारे का एक बहुत कद्दावर नाम। नब्बे…

अप्रैल 28, 2024

बहराईच: मेले में लगा झूला अचानक टूटने से आधा दर्जन जख्मी

एक बालिका की हालत गंभीर, मेडिकल कालेज रेफरबाबा अहमद शाह की मजार पर गुरूवार से…

अप्रैल 26, 2024

जिला बार एसोसिएशन चुनाव: हिसाल बारी किदवई अध्यक्ष, अशोक वर्मा महामंत्री निर्वाचित

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। जिला बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव की मतगणना शांतिपूर्ण माहौल…

अप्रैल 25, 2024

UPSIFS ने किया IIIT लखनऊ के साथ आठवां MoU

लखनऊ ।उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फरेंसिक साइन्स लखनऊ ने आज संस्थान को और अधिक…

अप्रैल 25, 2024

सीएए : एक क़ानून धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक संविधान के ख़िलाफ़

(आलेख : शमसुल इस्लाम) भारत में राष्ट्रविरोधी, अमानवीय एवं धार्मिक रूप से कट्टर नागरिकता संशोधन…

अप्रैल 19, 2024