नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को NDA की बैठक में जोर दिया कि सरकार के पास संशोधित नागरिकता कानून पर बचाव की मुद्रा में आने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि इसपर हमने कोई गलत काम नहीं किया है. पीएम ने साथ ही राजग नेताओं से संसद में मजबूती से नागरिकता कानून का का समर्थन करने को कहा. पीएम मोदी ने कहा कि सीएए पर रक्षात्मक मत रहिए. हमने सही काम किया है. आगे बढ़कर इसके बारे में देश को बताइए. उन्होंने कहा कि CAA से किसी की नागरिकता नहीं जा रही है, बल्कि नागरिकता देने के लिए ही यह लाया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग सीएए के मुद्दे पर भड़काने का काम कर रहे हैं. मुसलमान भी इस देश के नागरिक हैं और उनका भी उतना ही अधिकार और कर्तव्य है जितना दूसरों का है.

NDA की बैठक के बाद भाजपा के एक सहयोगी दल के एक नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री ने संसद के बजट सत्र के दौरान आक्रामक रूप से सीएए पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने को कहा. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक अन्य नागरिकों की तरह ही हमारे 'अपने' हैं. बता दें कि विपक्षी दल सीएए को भेदभावपूर्ण बताता रहा है. सहयोगी दल के नेता ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने (मोदी) कहा कि सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून पर कुछ भी गलत नहीं किया है और उसे बचाव में आने की कोई जरूरत नहीं है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेताओं ने त्रिपुरा में ब्रू जनजाति के सदस्यों के पुनर्वास एवं बोडो समझौते के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की.

इससे पहले बैठक के दौरान जनता दल यूनाइटेड ने सरकार से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रश्नावली से माता-पिता की विस्तृत जानकारी मांगने वाले सवालों को हटाने का आग्रह किया. जेडीयू नेता लल्लन सिंह ने बताया कि उन्होंने राजग की बैठक में यह मुद्दा उठाया और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी. लल्लन सिंह ने बताया कि शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के अन्य सहयोगियों ने भी इस मुद्दे पर जदयू का समर्थन किया. बता दें कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि एनपीआर प्रक्रिया के तहत लोग माता-पिता के निवास और जन्मस्थान जैसे सवालों का जवाब नहीं देने के लिए स्वतंत्र हैं.