नोवाक जोकोविच ने रोजर फेडरर को हराकर अपने 17वें ग्रैंडस्लैम खिताब की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है, साथ ही फेडरर के 21वें ग्रैंडस्लैम का सपना भी तोड़ दिया। गुरुवार को उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में फेडरर को हराकर रिकॉर्ड आठवीं बार ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में जगह बना ली है।

फेडरर ने पहले सेट में अच्छी शुरुआत की लेकिन वह उसे बचा नहीं पाए। इस स्विस खिलाड़ी को 7-6 (7/1), 6-4, 6-3 से हार का सामना करना पड़ा। दो घंटे 18 मिनट तक चले मैच में मौजूदा विजेता जोकोविक ने फेडरर को 7-6 (7-1), 6-4, 6-3 से हराया। फाइनल में जोकोविच का सामना पांचवी वरीयता प्राप्त डॉमिनिक थीम और सातवीं वरीयता वाले जर्मन खिलाड़ी ऐलेक्सजेंडर जवेरेव के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा।

मौजूदा चैंपियन जोकोविच ने 26वीं बार ग्रैंडस्लैम फाइनल में पहुंचने के बाद कहा, आज कोर्ट पर उतरने के लिए रोजर का आभार क्योंकि वह वास्तव में चोटिल था और यहां तक कि अच्छी तरह से मूवमेंट भी नहीं कर पा रहा था। उसने पहले सेट में अच्छी शुरुआत की और मैं थोड़ा नर्वस था। मेरे लिए पहला सेट जीतना महत्वपूर्ण था। मानसिक रूप से मैं उसके बाद सहज हो गया था।

जोकोविच ने आगे कहा, मैंने फेडरर को 20 फीसदी ज्यादा बेहतर खिलाड़ी बनाया। दो मेरे सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी हैं राफा और रोजर। इनसे मुझे अपना खेल समझने में मदद मिलेगी। 2008 में पहला ग्रैंड स्लैम जीता। इसके बाद तीन साल तक इनसे हारता रहा। मेहनत विश्वास करना पड़ा ताकि इन्हें हराया जा सके।

गुरुवार को मेलबर्न पार्क में हुए मुकाबले में जोकोविच हर लिहाज से फेडरर से आगे नजर आए। दोनों खिलाड़ियों को चिर-प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है लेकिन आंकड़े काफी हद तक जोकोविच के पक्ष में थे। 2018 और 2017 में विजेता बने फेडरर 2019 में चौथे दौर में ग्रीस के स्टीफानोस सितसिपास से हार गए थे। इन दोनों के बीच यह 50वीं भिड़ंत थी। जोकोविक 28 बार और 23 बार फेडरर जीतने में सफल हैं। ग्रैंड स्लैम में यह दोनों के बीच 18वां मुकाबला था, जिसमें से 12 बार जोकोविक जीते हैं। आस्ट्रेलियन ओपन में पांच बार दोनों के बीच मुकाबला हुआ है और सिर्फ एक बार फेडरर को जीत मिली है। उन्होंने किसी ग्रैंड स्लैम मुकाबले में जोकोविच को बीते करीब सात साल से नहीं हराया है। पिछली बार 2012 में उन्होंने विंबलडन के फाइनल में जोकोविच को मात दी थी।

इस ऑस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर का सफर बहुत मुश्किल रहा। तीसरे राउंड में वह जॉन मिलमैन के खिलाफ हार के काफी करीब पहुंच गए थे और मंगलवार को क्वॉर्टर फाइनल में उन्होंने अमेरिका के टैनी सैंडगर्न के खिलाफ सात मैच पॉइंट बचाकर मैच जीता था।

यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तमाम आला अधिकारियों की बैठक बुलाई. डीजीपी और एसीएस होम को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया. एटीएस की टीम मौके पर पहुंची, घर को घेरा गया. लोकल पुलिस के साथ एटीएस की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. पुलिस ने कुछ लोगों के ज़रिए बातों में सुभाष को फंसाया और पीछे के दरवाजे से अंदर दाखिल हुई और ऑपरेशन में सुभाष मारा गया. सुभाष की एक साल की बच्ची है जिसे लोकल प्रशासन ने सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है. रात में करीब एक बजे रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हुआ.

पुलिस ने बताया कि सुभाष के पास इतना गोली बारूद था कि वो 2 दिन तक पुलिस से मुकाबला कर सकता था, 25-30 गोलियां, एक कंट्री मेड तमंचा, एक राइफल और बड़ी संख्या में बारूद था, सुभाष ने कई सारे सुतली बम बना रखे थे और वो तहखाने में एक साथ सबको उड़ाने की धमकी भी दे रहा था. सुभाष को करीब 2 महीने पहले बेल मिली थी. हत्या, आर्म्स एक्ट केस और कई सारे मुकदमे थे. आपराधिक प्रवृत्ति होने के कारण सुभाष से लोग कम बात करते थे. सुभाष अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को खत्म करने की बात कह रहा था और पुलिस को इसी के जरिए ब्लैकमेल कर रहा था, बच्चों की सकुशल से रेस्क्यू हो, इसके लिए इतना वक़्त लगा.