नई दिल्ली: दिल्ली की साकेत अदालत में दिल्ली पुलिस ने बुधवार (29 जनवरी) को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम को पेश किया। जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने को लेकर मंगलवार (28 जनवरी) को बिहार के जहानाबाद से उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शरजील कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने के बाद से फरार था। शरजील को यहां एक अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ 25 जनवरी को मामला दर्ज किया था।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसे बुधवार को दिल्ली लाया गया और वे उसे साकेत कोर्ट में पेश करने जा रहे हैं। कुछ वकीलों ने शरजील के खिलाफ नारेबाजी की और उनके हाथों में मौजूद पोस्टरों में उसे 'देशद्रोही' कहा गया था। उन्होंने उसे फांसी देने की मांग की।

अदालत परिसर के बाहर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। प्रदर्शन कर रहे एक वकील ने कहा, ''हम यहां उसके खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए हैं जो देश को तोड़ने की बात करता है। सभी वकील ऐसे देशद्रोहियों के खिलाफ एकजुट हैं। उसे जेल से बाहर रहने का हक नहीं है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।"

16 जनवरी के एक ऑडियो क्लिप में इमाम को यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें, तो असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है…अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है।